उत्तर प्रदेशराज्य

सपा कार्यकर्ताओं में नहीं दिखा शिष्टाचार , मंच पर माल्यार्पण और सेल्फी को लेकर हुई बहस।

 

●सपा नेता धर्मेंद्र यादव के कार्यक्रम में कार्यकर्ता जोश में , पर कुर्सियां रह गयी खाली…

● कार्यक्रम में काफी विलंब से पहुचे थे पूर्व बदायूं सपा सांसद।

 

● सपा कार्यकर्ताओं में नहीं दिखा शिष्टाचार , मंच पर माल्यार्पण को लेकर हुई बहस।

● मंच पर भीड़ लेकिन कार्यक्रम में रही कुर्सियां खाली।

● कार्यकर्ताओं में सेल्फी खिंचाने को लगी थी होड़

● हाथ जोड़कर समझाते रह गए पूर्व सांसद , मंत्री , विधायक

गाज़ीपुर। जैसे जैसे यूपी में विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं, वैसे वैसे राजनीतिक मंच भी नेताओं से सजने लगे हैं, मंगलवार को गाज़ीपुर में समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता धर्मेंद्र यादव एक कार्यक्रम में स्थानीय पैलेस में तय समय से काफी विलंब से आए थे, बावजूद इसके कार्यकर्ताओं में जोश इतना ज्यादा था कि सपा झंडा फहराते वक़्त झंडे का डंडा ही टूट गया फिर इसके बाद दूसरे झंडे से काम चलाते हुए झंडा फहराया गया, और तो और मंच पर अपने नेता को माला पहनाने की होड़ लग गई, कार्यकर्ता शिष्टाचार भूलकर स्टेज पर धक्कामुक्की पर उतारू हो गए, बड़े नेताओं को किनारे कर और धक्का-मुक्की के बीच में कई नेता आपस में बड़े नेता के सामने बहस बाजी करते हुए भी दिखे। इस पूरे मामले में जो एक बात नेताओं को भी खटक रही थी कि पीछे की कुर्सियां खाली हो गई थी। कारण था कि सारे कार्यकर्ता नेता के अगवानी में मंच पर ही चढ़ गए और नेताओं को डर सता रहा था कि मंच कहीं टूट ना जाए।

फिलहाल धर्मेंद्र यादव अपने नियत कार्यक्रम से काफी विलंब से गाजीपुर पहुंचे थे और पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं में ठंढा पड़ता जोश तब हाई हो गया जब पूर्व सांसद धर्मेंन्द्र यादव व राजपाल कश्यप कार्यक्रम स्थल पर पहुंच गए।

फिलहाल धर्मेंद्र यादव ने सरकार की आलोचना करते हुए किसानों और आमजन को एकजुट होकर सरकार को उखाड़ फेंकने की बात कही और लखीमपुर कांड में मंत्री और उनके पुत्र सहित सभी दोषियों को तत्काल गिरफ्तार करने की भी बात कही। वहीं पूर्व सांसद के कार्यक्रम में समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने मंच पर ही नेता के सामने खूब बहस बाजी की हालांकि फिर उन्हें जिलाध्यक्ष ने समझाबुझाकर हटा भी दिया लेकिन मंच पर चढ़ने को लेकर कार्यकर्ताओ में जरा भी शिष्टचार नहीं दिखा और कार्यक्रम में पीछे की खाली कुर्सियां स्थानीय संगठन और कार्यकर्ताओं के प्रबंधन पर सवालिया निशान भी उठती दिखीं जिसका जवाब वहां किसी भी मौजूद जिम्मेदार शख्स ने नहीं दिया।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button