उत्तर प्रदेशराजनीति

स्वतंत्रता-संग्राम के प्रमुख सेनानी डॉ राम मनोहर लोहिया एवं शहीद भगत सिंह की शहादत दिवस पर समाजवादियों ने किया पर माल्यार्पण ।

 

गाजीपुर ।
समाजवादी पार्टी के तत्वाधान में जिलाध्यक्ष रामधारी यादव की अध्यक्षता में पार्टी कार्यालय समता भवन पर देश के समाजवादी पुरोधा रहे, समाजवादी विचारक एवं चिन्तक ,स्वतंत्रता-संग्राम के प्रमुख सेनानी, अंग्रेजों भारत छोड़ो आंदोलन में प्रमुख भूमिका निभाने वाले तथा भारत में गैर कांग्रेस वाद के शिल्पी रहे डॉ राम मनोहर लोहिया जी की जयंती एवं  देश की आजादी के लिए  हंसते हंसते फांसी के तख्ते पर झूलने वाले शहीद भगत सिंह जी की शहादत दिवस पर माल्यार्पण कार्यक्रम एवं विचार गोष्ठी आयोजित हुई ।
गोष्ठी आरंभ होने के पूर्व सभी कार्यकर्ताओं ने इन महापुरुषों के चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए देश में समता मूलक समाज बनाने  एवं आज की राजनीति में बढ़ रहे कुरीतियों एवं कुप्रथाओं के खिलाफ लड़ने एवं देश के संविधान एवं लोकतंत्र की रक्षा करने का संकल्प लिया ।
समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष रामधारी यादव ने डां.लोहिया एवं भगत सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि आज देश के वर्तमान राजनैतिक दौर में जब जातिवाद और सम्प्रदायवाद चरम सीमा पर है , जब जातिवाद और साम्प्रदायिकता का नंगा नाच हो रहा हो ऐसे दौर में डा. लोहिया और भगत सिंह जी पुनः प्रासंगिक हो उठे हैं । डॉ लोहिया ने जाति तोड़ो समाज जोड़ो का नारा दिया था लेकिन आज जाति तोड़ने के बजाय जाति जोड़ने की ही मुहिम चलाने में ज्यादा लोग मशगूल हैं।
उन्होंने कहा कि डॉ लोहिया जी सामाजिक न्याय की लड़ाई के महान योद्धा थे । सामाजिक न्याय    की वकालत करते हुए लोहिया जी ने”संसोपा ने बांधी गांठ -सौ में पिछड़े पांवें साठ” का नारा दिया था । इस देश के समाजवादी आंदोलन का मुख्य सार ही सामाजिक न्याय रहा है । समाजवादी आंदोलन के सभी नेताओं ने चाहे वह बड़ी जाति के रहे हो या पिछड़ी जाति के सभी ने इस देश के सभी गरीबों और पिछड़ों को विशेष सुविधा प्रदान कर उन्हें आगे बढ़ाने की वकालत की थी । 
पूर्व सांसद जगदीश कुशवाहा ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि लोहिया जी  और भगत सिंह जी का सपना था कि देश से जाति प्रथा समाप्त कर ऐसा समाज बनाया जाय जिसमें सभी को  सामाजिक और आर्थिक समानता प्राप्त हो डॉ लोहिया देश में अंग्रेजी हटाओ आन्दोलन के प्रणेता थे, वह इस मुद्दे पर बेबाक राय रखते थे, स्वभाषा (हिंदी) उनके लिए कोई राजनैतिक मुद्दा नहीं था, वह इसके सहारे देश के लाखों करोड़ों लोगों को हीन ग्रंथि से उबारकर उनके अन्दर स्वाभिमान भरने का सपना था । डॉ लोहिया न केवल गंभीर चिंतक थे बल्कि वह सच्चे कर्मवीर थे ।
डॉ लोहिया ही थे जो राजनीति में शुचिता और शुद्ध आचरण की बात करते थे ।  आज राजनीति में जाति,धर्म,  पूंजी,बाहुबल,के बढ़ते दखल से भी राजनीति का रास्ता काफी टेढ़ा मेढ़ा हो गया है । आज हम सभी को डॉ लोहिया जी को याद करते हुए राजनीति में शुचिता स्थापित करने के लिए संघर्ष करने का संकल्प लेने की जरूरत है । यही हमारी उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी ।
इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से केसरी यादव, अरुण कुमार श्रीवास्तव, चन्द्रेश्वर यादव, गोपाल यादव, रविन्द्र यादव, रामाधार यादव राजनाथ यादव,रामनगीना यादव, तहसीन अहमद, डॉ समीर सिंह, आजाद राय, सदानंद यादव,कमला यादव,जगत मोहन बिंद, आत्मा यादव, रामाशीष यादव,सुग्गु यादव , अनिल यादव, आदि उपस्थित थे।
गोष्ठी का संचालन जिला उपाध्यक्ष कन्हैया लाल विश्वकर्मा ने किया।

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