उत्तर प्रदेशराजनीति

अपने ही बिछाएं जाल में फंस गए सांसद प्रतिनिधि ।

रार के चक्कर में हारी थी भाजपा , अब 2024 में क्या हारेगी पार्टी ?


गाजीपुर ।

लहुरीकाशी की सियासत का बड़ा प्लेटफार्म बन चुकी जिला पंचायत आज कल सुर्खियां बटोर रही हैं ।

अपने ही पार्टी की महिला जिला पंचायत अध्यक्ष सपना सिंह के खिलाफ लेटर बम फोड़ने वाले बलिया सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त भाजपा प्रदेश नेतृत्व के निशाने पर आ गए हैं ।

उनके प्रतिनिधि अमन सिंह ने अपनी इच्छाओं की पूर्ति करने के लिए अपर मुख्य अधिकारी के नाम से पत्र जारी करके कार्यों का ब्यौरा तो मांगा ही, साथ में यह भी कहा कि क्षेत्रीय जनता शिकायत कर रही है ।

अब जरा सोचिए! भाजपाइयों की आपसी रार के चलते 2022 के विधानसभा चुनाव में भाजपा सातों सीट हार गई थी । यहां पर एक भी विधायक भाजपा का नहीं है । ऐसे में लेटर जारी करने के बाद विपक्ष भाजपा का मजा ले रहा है ।

अब यह सवाल उठता है कि ऐसे ही जनप्रतिनिधि क्या 2024 में मोदी का मिशन पूरा कर पाएंगे । निश्चित तौर पर भाजपा की इस लड़ाई को शीर्ष नेतृत्व ने हस्तक्षेप करके रोका नहीं तो यहां के हालात और बुरे होते चले जाएंगे। जिसका खामियाजा 2024 में हार से चुकाना भी पड़ सकता है ।
आपको बता देकी हुआ यूं कि भाजपा के बलिया सांसद प्रतिनिधि अमन सिंह ने अपर मुख्य अधिकारी गाजीपुर को संबोधित एक पत्र जारी किया , इस पत्र में उन्होंने लिखा कि क्षेत्रीय जनता से लगातार जिला पंचायत की शिकायतें मिल रही हैं। लिहाजा दो वर्षों के कार्यों का ब्यौरा लौटती डाक से किसी विशेष पत्रवाहक के जरिए भेजा जाए । यह पत्र जैसे ही सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो एक तरह से भाजपा में खलबली मच गई । भाजपा जिलाध्यक्ष ने हैरानी जताते हुए तुरंत बलिया सांसद को फोन मिला दिया ।

भाजपा जिलाध्यक्ष के मुताबिक बलिया सांसद ने इस तरह के किसी भी पत्र के जारी नहीं करने की जानकारी दी। तब उनके प्रतिनिधि ने बताया कि हमने सिर्फ जानकारी के लिए जहूराबाद एवं मुहम्मदाबाद में हुए विकास कार्यों की जानकारी मांगी थी । क्योंकि हम लोग भी प्रस्ताव देते हैं तो कभी कभी एक ही सड़क का प्रस्ताव दो बार चला जाता है । अब उनके इस बयान को ऐसे समझा जा सकता है कि अगर उन्हें दोनों विधानसभाओं का ब्यौरा मांगना होता तो वह चेयरमैन से संपर्क करते और मौखिक रूप से जानकारी कर लेते , यह भी बात सामने आ रही है कि प्रतिनिधि की इतनी हैसियत नहीं होती है कि सांसद के बिना इशारे के वह इतनी बड़ी भूल कर सकते हैं ।

सूत्रों की मानें तो प्रतिनिधि को जिला पंचायत से काम चाहिए था , लेकिन जब काम नहीं मिला तो उन्होंने लेटर बम फोड़ दिया । जिससे विश्व की सबसे बड़ी पार्टी की बदनामी पूरे यूपी में हो रही है । यह संदेश जा रहा है कि गाजीपुर की भाजपा के नेता आपस में लड़ रहे हैं। इन्हीं नेताओं के लड़ने के कारण जहूराबाद मुहम्मदाबाद के साथ ही सातों विधानसभाओं में पार्टी को हार का सामना करना पड़ा ।

वीरेंद्र सिंह मस्त अपनी लोकसभा की गाजीपुर जिले की दो विधानसभाओं जहूराबाद एवं मुहम्मदाबाद की सीट नहीं जीता पाए । खैर छोड़िए! यह सियासी आग लखनऊ तक पहुंच गई है । भाजपा प्रदेश अध्यक्ष कल वाराणसी आ रहे हैं, वहां पर वह प्रधानमंत्री के प्रस्तावित आगमन की तैयारियों को देखेंगे और कार्यकर्ताओं से भी मिलेंगे । वहां पर उन्होंने गाजीपुर की भाजपा के नेताओं को तलब किया है।

अब देखना होगा कि प्रदेश अध्यक्ष सांसद बलिया की इस सियासी भूल पर क्या एक्शन लेते हैं , या फिर उन्हें इस तरह की भूल करने के लिए वाक ओवर देते रहे हैं । वैसे भाजपाइयों की आपसी सियासी कुश्ती का लाभ सपा को मिल रहा है और मुख्य विपक्षी पार्टी खूब मजे ले रही है, भाजपाइयों के लिए शर्म की बात है। सियासत के जानकार कहते हैं कि भाजपाइयों का यही हाल रहा तो 2024 की राह आसान नहीं बड़ी मुश्किल होगी। चाहे वह एलजी मनोज सिन्हा लड़ें या फिर कोई और नया चेहरा ।

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