उत्तर प्रदेशराजनीति

गाजीपुर की यह धरा अत्यंत गौरवशाली है कि ब्रह्मर्षि विश्वामित्र ने आर्यावर्त के दो विशाल साम्राज्य को एक करने की भूमिका निभाई थी — मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ।

 

गाजीपुर ।

स्नातकोत्तर महाविद्यालय गाजीपुर के संस्थापक स्वर्गीय बाबू राजेश्वर सिंह के आदम का प्रतिमा का अनावरण मा. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नौ सितम्बर को किया।

इस अवसर पर उन्होंने महाविद्यालय परिसर में पौधरोपण किया और वहां मौजूद दिव्यांग जनों को सहायक सामग्री का वितरण किया।

पीजी कालेज के सभा मंच से उन्होंने विभिन्न सरकारी योजनाओं से लाभान्वित लोगों को टेबलेट, किट व डमी चेक आदि देकर सम्मानित किया। प्रदेश के अपर महाधिवक्ता तथा स्नातकोत्तर महाविद्यालय गाजीपुर के प्रबंधक अजीब कुमार सिंह ने अपने स्वागत भाषण में माननीय मुख्यमंत्री जी का स्वागत करते हुए कहा कि गोरक्षा पीठ का सहयोग इस महाविद्यालय को आरंभ से ही मिलता रहा है और आज उसी कड़ी में गोरक्षा पीठ के पीठाधीश्वर मुख्यमंत्री माननीय योगी आदित्यनाथ जी का भी आशीर्वचन इस शिक्षा संस्थान को मिला है। यह अत्यंत गौरव की बात है।

बलिया के सांसद विरेंद्र सिंह मस्त ने कहा कि आजादी की 75 वीं वर्षगांठ में शिक्षा के प्रति समर्पित बाबू राजेश्वर सिंह की प्रतिमा का अनावरण अपने आप में सराहनीय कार्य है। माननीय मुख्यमंत्री का सहयोग इस जिले को बराबर मिलता रहा, बाढ़ के दौरान आपने उपस्थित होकर बाढ़ पीड़ितों को राहत सामग्री प्रदान किया और उसी दिन से गंगा का जलस्तर नीचे होने लगा। सांसद ने कहा कि ऋषि और कृषि की इस धरा पर महाराज जी पुरातन संस्कृति के वाहक है।

उन्होंने कहा कि अठहटा में जो बाढ़ के द्वारा नाव के डूबने की घटना हुई, मैं वहां पक्का पुल बनवाने की घोषणा करता हूं।

उसके पश्चात पीजी कॉलेज खेल के मैदान में आयोजित विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बाबू राजेश्वर सिंह की प्रतिमा का अनावरण करने का मुझे मौका मिला , यह अत्यंत गौरव की बात है।

उन्होंने कहा कि गाजीपुर में शिक्षा की अलख जगाने वाले महापुरुष की परंपरा का अनावरण करने का सौभाग्य मिला है, मैं उनकी स्मृतियों को नमन करते हुए उनको श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। उन्होंने इस जनपद के लिए शिक्षा की जो मशाल जलायी वह आज पूरे प्रदेश और राज्य को आलोकित कर रहा है।

वर्ष 1952 में स्थापित इस महाविद्यालय में आज करीब 10000 छात्र-छात्राओं को शिक्षा प्रदान की जा रही है। उन्होंने कहा कि जब गोरखपुर विश्वविद्यालय से यह विद्यालय संवद्ध था तो उसी समय वह गौ रक्षा पीठ से जुड़े थे और तब से तन्मयता के साथ शिक्षा के विकास हेतु सतत प्रयासरत रहें। उनकी प्रतिमा का अनावरण उनके विरासत के प्रति सच्चा सम्मान है। गाजीपुर की धरती का अतीत अत्यंत गौरवशाली रहा। यहां की विशेषता थी कि राक्षसों का नाश का संकल्प लेने वाले महाराजा गाधी और विश्वामित्र की यह धरती है। जिन्होंने राक्षसों का नाश करने के लिए सतत प्रयास किया। गाजीपुर की यह धरा अत्यंत गौरवशाली है कि ब्रह्मर्षि विश्वामित्र ने आर्यावर्त के दो विशाल साम्राज्य को एक करने की भूमिका निभाई थी। अयोध्या और जनकपुर का साम्राज्य एक दूसरे से काफी दूर था और सीता स्वयंवर में अयोध्या को निमंत्रण भी नहीं गया था परन्तु गाजीपुर की धरा से महर्षि विश्वामित्र अयोध्या के राजकुमार राम और लक्ष्मण को अपने साथ जनकपुर ले गए जहां रामचंद्र द्वारा धनुष तोड़ने के उपरांत सीता से विवाह हुआ और आर्यावर्त की दो महान विभूतियां एक हो सकीं।

गाजीपुर की धरा ने आर्यावर्त की रक्षा के लिए दो ताकतों को एक करने का भी कार्य किया है। हमने पुरानी सभ्यता को याद करते हुए गाजीपुर में प्रारंभ किए मेडिकल कॉलेज का नाम भी महर्षि विश्वामित्र के नाम पर रखा तो वहीं आजमगढ़ में स्थापित विश्वविद्यालय का नाम महाराजा सुहेलदेव के नाम पर रखा गया जिन्होंने विदेशी आक्रांताओं को दूर भगाने में भूमिका निभाई। भारत को विकसित राज्य बनाने के लिए हमें पूर्व की अमूल्य धरोहरों को अमूल्य थाती को सम्मान देकर में आगे बढ़ाना होगा। हमें इससे प्रेरणा लेनी होगी उन्होंने कहा कि बीच के कार्यकाल में बीच के समय मैं यहां की छवि को धूमिल करने का प्रयास किया गया था। लेकिन बाबू राजेश्वर सिंह यहां एक महाविद्यालय की स्थापना कर लोगों से चित्र पूर्व के संस्कारों से जोड़ने का प्रयास किया और अपने प्रयास में वह पूरी तरह सफल रहे उनकी आज उनके स्थापित प्रतिमा छात्र छात्राओं को आगे बढ़ने की प्रेरणा देता रहेगा सनातन धर्म का यह नियम है कि जिसने भी हमारे प्रति कुछ कार्य किया है उसके प्रति हम श्रद्धा का भाव व्यक्त करते हैं और यह प्रतिमा का अनावरण उसी की एक कड़ी है। उन्होंने कहा कि भारत दुनिया का सबसे युवा राष्ट्र है और उत्तर प्रदेश भारत का सबसे युवा राष्ट्रीय राज्य हैं इसमें 56 परसेंट कामकाजी कार्य कामकाजी वर्ग है ।

उन्होंने कहा कि अगले 5 वर्ष में एक बड़ा कार्य आरंभ किया जा रहा है जिसमें उन परिवारों को जिसमे कोई भी कमाऊ सदस्य नहीं है उनमें से हर परिवार में कम से कम एक व्यक्ति को रोजगार उपलब्ध कराने का प्रयास किया जाएगा और नौजवानों की सक्षम टीम को शिक्षित कर रोजगार कार्यों के रूप में उन्हें आगे बढ़ाया जा रहा है इसके लिए निजी विश्वविद्यालयों की भी आगे बढ़ाने की कोशिश की जा रही है।

कार्यक्रम में सदस्य विधान परिषद विशाल सिंह चंचल अपर महाधिवक्ता अजीत सिंह जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती सतना से पिछड़ा वर्ग आयोग के उपाध्यक्ष प्रमोद चौहान नगर पंचायत अध्यक्ष सरिता अग्रवाल पूर्व विधायक मंत्री संगीता बलवंत अलका राय सुनीता सिंह सुभाष पासी एसपी सिंह जिला अध्यक्ष भानु प्रताप सिंह सहित अन्य भाजपा नेता को पदाधिकारी उपस्थित रहे कार्यक्रम का संचालन शिखा त्रिपाठी में किया ‌।

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