अपराधउत्तर प्रदेश

गाज़ीपुर में तीन को आजीवन कारावास, एडीजे फर्स्ट कोर्ट ने सुनाई सजा।

बेटे की हत्या केस में पैरवीकार पिता की 2014 में हुई थी हत्या।

 

ग़ाज़ीपुर ।

हत्या आरोपियों ने जेल के अंदर से भाड़े के हत्यारों से कराई थी हत्या।

6 आरोपियों में 3 बरी, जबकि 3 हत्या आरोपियों को कोर्ट ने सुनाई सज़ा, ADGC क्रिमिनल ने की पुष्टि।

 गाजीपुर की एडीजे फर्स्ट कोर्ट में आज विद्वान न्यायाधीश ने बेटे की हत्या के केस में पैरवीकार पिता की हत्या के मामले में 3 लोगों को आजीवन कारावास के साथ 20 हजार रुपए के अर्थदंड की सजा सुनाई है , जबकि उसी केस में तीन आरोपियों को साक्ष्य और सबूत के अभाव में बरी किया है।

मामला गाज़ीपुर के भांवरकोल थाने का है। इस मामले की पुष्टि करते हुए एडीजे फर्स्ट न्यायालय के शासकीय अधिवक्ता नीरज श्रीवास्तव ने बताया कि यह मामला बीते सन 2014 का है। जिसमे बीएसएनएल के रिटायर्ड कर्मचारी रामराज यादव की हत्या कर दी गयी थी , जिसमें वादी उनके बेटे संजय कुमार यादव थे , उन्होंने बताया कि हत्या के मुख्य साजिशकर्ता नवीन कुमार राय, पंकज राय पहले से ही जेल में हैं , जबकि एक आरोपी दिवाकर राय को साक्ष्य व सबूतों के अभाव में बरी कर दिया है , जबकि तीन मुख्य आरोपियों कृष्णानंद पांडेय, गोपाल पांडेय और लक्ष्मण राय को एडीजे फर्स्ट कोर्ट के विद्वान न्यायाधीश ने सुनवाई के बाद आज आजीवन कारावास के साथ 20 हजार अर्थदंड की सज़ा सुनाई है।

आपको बता दें कि मुकदमा वादी संजय यादव के भाई रंजय यादव की हत्या काफी पहले हो गयी थी , जिसमें उनके केस की पैरवी उनके पिता रामराज यादव कर रहे थे , उन्हें रास्ते से हटाने के लिए जेल में पहले से बंद अभियुक्त कृष्णानंद पांडेय आदि ने रामराज के हत्या की साजिश रची थी, 2014 में रामराज की हत्या के बाद से यह मुकदमा उनके छोटे पुत्र संजय यादव देख रहे थे , जिसमें कोर्ट ने नवीन कुमार राय , पंकज राय और दिवाकर राय को साक्ष्य सबूतों के अभाव में संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया है , जबकि इसी केस के मुख्य आरोपियों कृष्णानंद पांडेय, गोपाल पांडेय और लक्ष्मण राय को आजीवन कारावास की सजा सुनाते हुए 20 हजार अर्थदंड भी लगाया है।

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