अपराधउत्तर प्रदेशस्वास्थ्य

जिलाधिकारी के निर्देश पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मोहनदाबाद पर हुआ दलालों का प्रवेश वर्जित ।

दलाल पकड़े जाने पर किए जाएंगे पुलिस के हवाले ।

 

ग़ाज़ीपुर ।।            19 जुलाई 22,

उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा संचालित स्वास्थ्य केंद्रों पर लगातार दलालों का दखल का मामला आ रहा है। यह मामला जिलाधिकारी के दरबार तक पहुंच चुका है।

जिलाधिकारी ने अब इस पर कड़ा एक्शन लेते हुए जनपद के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मोहमदाबाद के अधीक्षक डॉ आशीष राय को 1 दिन पूर्व जिला पंचायत में आयोजित बैठक में अस्पताल परिसर से दलालों को दूर करने का कड़ा निर्देश दिया।

जिसको लेकर मंगलवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मोहमदाबाद पर दलालों से सावधान और अस्पताल परिसर के काउंटर से ही दवा प्राप्त करें का बैनर लगाया। साथ ही साथ अस्पताल परिसर में अनाधिकृत रूप से घूमने वाले लोगों को डांट फटकार कर बाहर किया।

चिकित्सा अधीक्षक डॉ आशीष राय ने बताया कि जिलाधिकारी के निर्देश पर मंगलवार से स्वास्थ्य केंद्र के अंदर दलालों का प्रवेश वर्जित कर दिया गया है। साथ ही साथ अब आने वाले मरीजों को अस्पताल परिसर में मौजूद दवा के साथ ही जेनेरिक दवा लिखने का निर्देश समस्त चिकित्सकों को दिया है। साथ ही साथ चिकित्सकों के कक्ष में चिकित्सक और मरीजों के अलावा किसी अन्य व्यक्ति के प्रवेश पर रोक लगा दिया है। उन्होंने बताया कि ऐसा कोई एक व्यक्ति पाया जाता है तो उसे तत्काल थाना के हवाले किया जाएगा।

इस दौरान उन्होंने बताया कि 102 और 108 एंबुलेंस के द्वारा भी निजी नर्सिंग होम व मरीजों को उतारने की जानकारी हुई थी। जिसको लेकर उन्होंने मीटिंग में जिलाधिकारी के माध्यम से 102 और 108 एंबुलेंस के लोकेशन की जानकारी मांगी थी। जिस पर आज 108 और 102 एंबुलेंस के प्रभारी ने इस संबंध में लिखित पत्र मांगा है। जिस पर वह आगे अग्रसारित कर लोकेशन के संबंध में अपने अधिकारियों को लिखेंगे।

चिकित्सा अधीक्षक के द्वारा स्वास्थ्य केंद्र के परिसर में दलालों से सावधान और दलालों का प्रवेश वर्जित का बैनर लगाते समय एमआर अस्पताल परिसर में पहुंचे। जिसे चिकित्सा अधीक्षक ने तत्काल उन्हें अस्पताल परिसर से बाहर जाने का निर्देश दिया। इसी दौरान एक मरीज के परिजन जिनके परिजनों से किसी मामले में मारपीट हुई थी। उनका मेडिकल लीगो बनाना था जिसके लिए स्वास्थ्य विभाग के किसी कर्मचारी के द्वारा पैसे की डिमांड की गई। उसकी जानकारी जैसे ही चिकित्सा अधीक्षक को मिली चिकित्सा अधीक्षक ने तत्काल उस कर्मचारी को अपने पास बुला कर डांट फटकार लगाया और फिर पीड़ित को निशुल्क मेडिकोलीगल बनाए जाने का निर्देश दिया।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button