अंतर्राष्ट्रीय

स्वर्गीय जनेश्वर मिश्रा जी की जयंती के अवसर पर जिलाध्यक्ष रामधारी यादव की अध्यक्षता में माल्यार्पण कार्यक्रम एवं विचार गोष्ठी ।

 

ग़ाज़ीपुर ।

आज दिनांक 5 अगस्त को महान समाजवादी नेता ,छोटे लोहिया के नाम से दुनिया में विख्यात स्वर्गीय जनेश्वर मिश्रा जी की जयंती के अवसर पर समाजवादी पार्टी गाजीपुर के तत्वाधान में पार्टी कार्यालय समता भवन पर जिलाध्यक्ष रामधारी यादव की अध्यक्षता में माल्यार्पण कार्यक्रम एवं विचार गोष्ठी आयोजित हुई ।

गोष्ठी आरंभ होने के पूर्व समाजवादी पार्टी के सभी कार्यकर्ताओं एवं नेताओं ने उनके चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए लोकतंत्र की रक्षा एवं समाज में व्याप्त गैर बराबरी को समाप्त करने का संकल्प लिया ।

गोष्ठी में अपने विचार व्यक्त करते हुए जिलाध्यक्ष रामधारी यादव ने गोष्ठी में अपने विचार व्यक्त करते हुए समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष रामधारी यादव ने स्वर्गीय जनेश्वर मिश्र जी को महान नेता बताते हुए समाजवादी आंदोलन का प्रमुख स्तंभ बताया ।

उन्होंने कहा कि वह समाजवाद के पुरोधा थे ।उन्होंने अपने वसूलों और सिद्धांतों से कभी समझौता नहीं किया। उनके मन में गरीब ,कमजोर और पीड़ितों के लिए करुणा थी । वह पूरा जीवन सरलता ,ईमानदारी और सादगी की चादर ओढ़े रहे ।

उन्होंने अन्याय, शोषण ,अत्याचार ,भेदभाव ,छुआछूत और पूंजीवाद के खिलाफ आजीवन संघर्ष किया। वह खांटी समाजवादी थे, वह कहा करते थे कि गरीबों के आंसू पूछना ही सच्चा समाजवाद है ।डॉ लोहिया ने उनके बारे में कहा था कि जनेश्वर जी जैसा एक भी नेता अगर मुल्क में रहेगा तो तानाशाही ताकत देश में कभी भी अपना सर नहीं उठा सकती । अपृश्यता के खिलाफ उन्होंने जीवन पर्यंत लड़ाई लड़ी और उसके खिलाफ आंदोलन भी किया । छुआछूत को पूरे देश के लिए कलंक मानते थे । उनके मन में बचपन से ही सामाजिक व्यवस्था में व्याप्त विसंगतियों के प्रति विद्रोह की भावना थी ।आंदोलन और संघर्ष उनके जीवन के मूल मंत्र थे।

वह सामाजिक और राजनीतिक जीवन में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के पैरोकार रहे । आज जब मोदी की तानाशाही नीतियों के चलते पूरा देश त्राहि-त्राहि कर रहा है , जब देश का किसान अपनी मांगों को लेकर सड़कों पर है,नौजवान रोजगार की तलाश में दर दर की ठोकरें खा रहा है, छात्र अपनी मांगों को लेकर अलग आन्दोलनरत है , संवैधानिक संस्थाओं को लगातार कमजोर करने की साजिश रची जा रही है, सरकारी उपक्रमों को निजी हाथों में सौंपने के बाद किसानों के खेतों को भी पूंजीपति घरानों को सौंपने की साजिश सरकार रच रही है , ऐसे दौर में देशवासी आज पूरी शिद्दत के साथ जनेश्वर जी को याद कर रहा है कि यदि वह आज जिन्दा होते तो देश की तानाशाही हुकूमत के खिलाफ संघर्ष कर उस पर लगाम कसने का काम करते ।

इस गोष्ठी में मुख्य रूप से जिला उपाध्यक्ष निजामुद्दीन खां,जिला मीडिया प्रभारी अरुण कुमार श्रीवास्तव , रामनारायन यादव, द्वारिका यादव,आत्मा यादव , संतोष यादव, तहसीन अहमद, रामाशीष यादव, रामाशीष यादव, भगवान यादव, सुजीत कुमार, आदि उपस्थित थे । इस गोष्ठी का संचालन जिला उपाध्यक्ष कन्हैया लाल विश्वकर्मा ने किया ।

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