एम के न्यूज / महेन्द्र शर्मा
बल्लभगढ़,16 नवंबर।दिल्ली में हाल ही में हुए भयावह हादसे ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया, लेकिन उससे सबक लेने के बजाय बल्लभगढ़ प्रशासन की उदासीनता पर स्थानीय लोग गंभीर सवाल उठा रहे हैं। शहर के मुख्य बाज़ार की स्थिति आज भी बेहद चिंताजनक है। अतिक्रमण, अनियंत्रित ट्रैफिक, अस्थायी दुकानों और पुलिस की सुस्ती ने मिलकर इस क्षेत्र को दुर्घटनाओं का गढ़ बना दिया है।
सड़कों पर लगातार वाहनों की आवाजाही और पैदल चालकों की भीड़ से बाजार में आए लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। स्थानीय लोगों का कहना है कि बाजार में सुरक्षा और ट्रैफिक व्यवस्था पूरी तरह लापरवाह तरीके से चल रही है।
मुख्य बाजार के कई दुकानदारों ने अपनी दुकानों के आगे 4 से 5 फीट तक सामान फैला रखा है, जिससे सड़क की चौड़ाई काफी कम हो जाती है। ऊपर से बाहरी क्षेत्रों के रेहड़ी–फड़ी वाले भी सड़क के बीचोंबीच अपनी रेहड़ियां लगा लेते हैं, जिससे जाम की स्थिति और भी बदतर हो जाती है।
इस अव्यवस्था के चलते वाहनों का निकलना तो मुश्किल होता ही है, पैदल चलने वालों को भी कतार में रेंगते हुए आगे बढ़ना पड़ता है।
स्थानीय लोगों में डर है कि यदि बाजार में किसी प्रकार की दुर्घटना या आगजनी होती है तो भारी जाम के कारण राहत वाहनों — एंबुलेंस या फायर ब्रिगेड — का मौके पर पहुंचना लगभग असंभव होगा।
बाजार में आने वाली महिलाओं को अतिक्रमण और भीड़भाड़ के कारण अक्सर धक्कामुक्की और बदसलूकी का सामना करना पड़ता है। कई बार उनके पर्स कटने के मामले भी सामने आते हैं, लेकिन प्रशासन की तरफ़ से न तो कोई निगरानी बढ़ाई जाती है और न ही शिकायतों पर प्रभावी कार्रवाई होती है।
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि यदि प्रशासन जल्द ही ट्रैफिक नियंत्रण, अतिक्रमण हटाने और पुलिस गश्त बढ़ाने जैसे कदम नहीं उठाता, तो किसी बड़ी घटना को रोक पाना मुश्किल हो जाएगा। दिल्ली हादसे जैसी त्रासदी दोहराने से पहले प्रशासन को तुरंत सख्त कार्रवाई करने की आवश्यकता है।
