उत्तर प्रदेश

विद्युतकर्मियो ने इलेक्ट्रिसिटी अमेंडमेंट बिल के खिलाफ दिया धरना।l

 

गाजीपुर।

 केंद्रीय विद्युत मंत्री श्री आरके सिंह द्वारा इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2022, 08 अगस्त को लोकसभा में रखे  जाने  के विरोध में जिले के तमाम  बिजली कर्मचारियों व  व इंजीनियरों के साथ जिले के सभी बिजली कर्मी  08 अगस्त को काम छोड़कर  कर दिनभर विरोध प्रदर्शन किए  | 

विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति गाजीपुर ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी से  इस मामले में प्रभावी हस्तक्षेप करने की की अपील। जिससे  जल्दबाजी में इस बिल को संसद में न पारित कराया जाए और बिजली उपभोक्ताओं तथा बिजली कर्मचारियों सहित सभी स्टेकहोल्डर्स  से विस्तृत चर्चा करने हेतु इस बिल को संसद की बिजली मामलों की स्टैंडिंग कमेटी को संदर्भित कर दिया जाए |

वही संघर्ष समिति के जिला संयोजक निर्भय नारायण सिंह ने आज सभा को संबोधित करते हुवे बताया कि केन्द्र सरकार संसदीय परम्पराओं का उल्लंघन करते हुए इलेक्ट्रीसिटी (अमेण्डमेंट) बिल 2022, 08 अगस्त को संसद के चालू सत्र में रखने जा रही है जिससे पूरे देश के बिजली कर्मचारियों में भारी गुस्सा है ।

वही इलेक्ट्रीसिटी (अमेण्डमेंट) बिल 2022 का मसौदा 05 अगस्त को लोकसभा के सांसदों को दिया गया है और इस पर केंद्रीय विद्युत् मंत्री आर के सिंह के 02 अगस्त की तारीख में हस्ताक्षर हैं | इससे स्पष्ट है कि इस बिल पर किसी  भी स्टेकहोल्डर से राय नहीं माँगी गई है |

उन्होंने आगे यह भी बताया कि बिजली संविधान की समवर्ती सूची में है जिसका अर्थ यह होता है कि बिजली के मामले में क़ानून बनाने में केंद्र और राज्य का बराबर का अधिकार है | किन्तु इस बिल पर केंद्र सरकार ने किसी भी राज्य से कमेन्ट नहीं मांगे है और इसे 08 अगस्त को लोकसभा में रख कर पारित कराने की कोशिश है जो संसदीय परम्परा का खुला उल्लंघन है और साथ ही देश के संघीय ढाँचे पर चोट है जो संघर्ष समिति द्वारा लिये गये निर्णय के अनुसार 08 अगस्त को सभी ऊर्जा निगमों के तमाम कर्मचारी व अभियन्ता कार्य छोड़कर कार्य स्थल से बाहर आ गए और दिन भर विरोध प्रदर्शन किया। इसके अतिरिक्त आगमी 10 अगस्त को राजधानी लखनऊ सहित सभी जनपदों व परियोजना मुख्यालयों पर अपराह्न 04 बजे से 05 बजे तक विरोध प्रदर्शन किये जायेंगे। वही अधिशासी अभियंता हेमंत सिंह ने बताया कि इलेक्ट्रीसिटी (अमेण्डमेंट) बिल 2022 के जरिये केन्द्र सरकार इलेक्ट्रीसिटी एक्ट 2003 में संशोधन करने जा रही है जिसके बिजली कर्मचारियों और बिजली उपभोक्ताओं पर दूरगामी प्रतिगामी प्रभाव पड़ने वाले हैं।

केन्द्र सरकार ने पिछले वर्ष संयुक्त किसान मोर्चा को पत्र लिखकर यह वायदा किया था कि किसानों तथा सभी स्टेक होल्डर्स से विस्तृत वार्ता किये बिना इलेक्ट्रीसिटी (अमेण्डमेंट) बिल 2022 संसद में नहीं रखा जायेगा। केन्द्र सरकार ने बिजली के सबसे बड़े स्टेक होल्डर्स बिजली उपभोक्ताओं और बिजली कर्मचारियों के प्रतिनिधियों से आज तक कोई वार्ता नहीं की है। केन्द्र सरकार की इस एकतरफा कार्यवाही से बिजली कर्मचारियों में भारी रोष व्याप्त है। वही इलेक्ट्रीसिटी (अमेण्डमेंट) बिल 2022 में यह प्राविधान है कि एक ही क्षेत्र में एक से अधिक वितरण कम्पनियों को लाईसेंस दिया जायेगा।

निजी क्षेत्र की नई वितरण कम्पनियां सरकारी क्षेत्र के नेटवर्क का प्रयोग कर बिजली आपूर्ति करेंगी। बिल में यह भी प्राविधान है कि यूनिवर्सल पावर सप्लाई ऑब्लीगेशन अर्थात् सभी श्रेणी के उपभोक्ताओं को बिजली देने की बाध्यता केवल सरकारी कम्पनी की होगी और निजी क्षेत्र की कम्पनियां मन मुताबिक केवल मुनाफे वाले औद्योगिक व व्यवसायिक उपभोक्ताओं को बिजली देकर मुनाफा कमायेंगी। नेटवर्क  के अनुरक्षण का कार्य सरकारी कम्पनी के पास रहेगा और इसको सुदृढ़ करने व संचालन व अनुरक्षण पर सरकारी कम्पनी को ही पैसा खर्च करना होगा। इस प्रकार निजी कम्पनियां मात्र कुछ व्हीलिंग चार्जेस देकर मुनाफा कमायेंगी।

परिणामस्वरूप सरकारी कम्पनियां आर्थिक तौर पर दिवालिया हो जायेंगी। वही बिल के अनुसार सब्सिडी व क्रॉस सब्सिडी समाप्त की जायेगी जिससे सभी श्रेणी के उपभोक्ताओं से बिजली की पूरी लागत वसूल की जा सके। 7.5 हार्स पावर के पम्पिंग सेट को मात्र 06 घण्टे चलाने पर किसानों को 10 हजार से 12 हजार रूपये प्रतिमाह का बिल देना पड़ेगा। यही हाल आम घरेलू उपभोक्ताओं का भी होगा। इस प्रकार यह बिल न तो आम जनता के हित में है और न ही कर्मचारियों के हित में है। विरोध सभा में मुख्य रूप से सहसंयोजक अधीक्षण अभियंता सीबी सिंह, इंजीनियर आशीष चौहान ,अधिशासी अभियंता मनीष कुमार ,अधिशासी अभियंता चंद्रपाल सिंह,अधिशासी अभियंता संजय सिंह,जिला संरक्षक विद्युत मजदूर पंचायत शिव दर्शन सिंह ,जिलाध्यक्ष विद्युत मजदूर पंचायत अरविंद कुशवाहा, जिला मंत्री विजय शंकर राय, एसडीओ टाउन, एसडीओ जमानिया, एसडीओ दिलदारनगर, एसडीओ सैदपुर ,एसडीओ नंदगंज, एसडीओ कासिमाबाद ,एसडीओ पारा, एसडीओ जखनिया , एसडीओ दुल्लहपुर ,अवर अभियंता रोहित कुमार ,अवर अभियंता अनिल राम, अवर अभियंता योगेंद्र प्रसाद दानी, अवर अभियंता रमेश मौर्य ,अवर अभियंता विनोद कुमार ,अवर अभियंता राघवेंद्र सिंह ,अवर अभियंता नत्थू यादव ,अवर अभियंता पप्पू यादव ,अवर अभियंता रविंदर सिंह अवर अभियंता अविनाश सिंह, अवर अभियंता संतोष मौर्य ,अवर अभियंता चित्रसेन ,अवर अभियंता प्रेमचंद प्रवीण सिंह ,अनुराग सिंह, भानु कुशवाहा ,जितेंद्र सिंह ,गोविंद कुशवाहा ,राजेंद्र कुशवाहा ,सुदर्शन चंद्रहास, अजय विश्वकर्मा ,अश्वनी सिंह, पंकज वर्मा ,सुरेंद्र राजभर, संदीप मौर्य ,अरविंद श्रीवास्तव ,मनीष राय, आशीष सोनकर, राजेश कश्यप, नितिन राय ,राजेंद्र यादव, कृष्ण प्रताप , संजीव कुशवाहा, प्रवीण पांडे, विनय पांडे ,महेश त्रिपाठी, धर्मेंद्र यादव ,जीवन वर्मा ,अशोक यादव, गुप्तेश्वर खरवार ,मदन यादव ,कपिल गुप्ता सहित सैकड़ों कर्मचारी इकट्ठा रहें।       
         

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