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गाज़ीपुर ।
हमारे पूर्वांचल में भोजपुरी की एक कहावत है कि गांव के विकास में प्रधान और ग्राम सचिव मिल जाएं तो सब घोर माठा हो जाता है , यानि सब खा पी बराबर ।
ऐसा ही एक मामला गाजीपुर के बाराचँवर ब्लॉक के लखनौली ग्राम सभा में ग्राम पंचायत भवन का भी है , जो अब तूल पकड़ता जा रहा है ।
जिसका मुख्य कारण यह है कि जहां ये पंचायत भवन बना है जिस जमीन पर वह ज़मीन गांव के ही एक दलित व गरीब किसान दयाशंकर राम के परिवार की है और वो परिवार फिलहाल उस जमीन पर आपत्ति कर रहा है । जिस पर फिलहाल प्रधान जी ने ताला बंद कर रखा है ।
पीड़ित परिवार की सुनीता देवी ने ग्राम प्रधान गुड्डी देवी और उनके प्रतिनिधि व पति विनोद कुमार गुप्ता पर आरोप लगाया है कि उनकी गाँव में मौके की दो मंडा जमीन के बदले प्रधान जी ने इतनी ही जमीन और 1 लाख रुपए देने का वायदा किया था जिसे बिटिया की शादी के दबाव के चलते उन्होंने मान लिया था , जिसमें अभी तक मात्र 65 हजार रुपए ही मिला है और फिर कुछ नहीं मिला , सुनीता ने बताया कि हमने ज़मीन की रजिस्ट्री भी नहीं की है , ये ज़मीन अभी भी हमारे परिवार के नाम से है और प्रधान जी के कहने पर उन्होंने हाँ की थी , लेकिन जब उन्होंने वायदा पूरा नहीं किया और हमने भी रजिस्ट्री नहीं की , अब हमने आपत्ति की है कि या तो जो वायदा किया है वह पूरा कर दें , नहीं तो हमारी ज़मीन खाली करें । अब लगभग साढ़े 14 लाख की सरकारी धनराशि से गांव में पंचायत भवन बनकर तो तैयार है , लेकिन उसमें ताला लगा हुआ है।
जब प्रधान से बात की गई तो उनके प्रतिनिधि और पति विनोद गुप्ता ने बताया कि जिसकी जमीन है उसकी सहमति से ही पंचायत भवन गांव में बना है और जो वादा किया था वो पूरा किया जा चुका है , हालांकि रजिस्ट्री की बात पर वो गोलमोल बोलकर बचते दिखे , हालांकि प्रधान जी ने ये माना कि ग्राम सचिव और पंचायत भवन फिलहाल उन्हीँ के आवास से चल रहा है। उन्होंने बाराचवर के खण्ड विकास अधिकारी (बीडीओ) मनोज कुमार वर्मा पर 5 प्रतिशत कमीशन मांगने का सनसनी खेज आरोप भी लगा दिया और बोले कि मेरी 10 फाइलों को उन्होंने ज़ीरो कर दिया है और उसी में पंचायत भवन का भुगतान भी रुका हुआ है ।
वहीं इस बाबत जब ग्राम विकास अधिकारी (ग्राम सचिव) बीरेंद्र कुमार गौतम से बात हुई तो उन्होंने पंचायत भवन निर्माण को पूर्व के सचिव पर टालते हुए बताया कि जमीन का चयन और नींव तक का काम पूर्व के सचिव ने किया था और बताया था कि जमीन की रजिस्ट्री हो चुकी है , तो हमने साढ़े चौदह लाख की लागत से पंचायत भवन बनवाया है , हालांकि उन्होंने माना कि रजिस्ट्री की बात प्रधान जी ने भी कही थी लेकिन कागज़ उन्होंने नहीं देखा । अब वे भी मानते हैं कि अगर जमीन की रजिस्ट्री नहीं है तो ये भवन गलत बना है।
अब जब इन आरोपों के साथ पत्रकारों ने स्थानीय खंड विकास अधिकारी (बीडीओ) मनोज कुमार वर्मा से बात की तो उन्होंने बताया कि लखनौली ग्राम सभा में पंचायत भवन के खिलाफ स्थानीय परिवार की शिकायत मिली है कि उनके जमीन पर गलत तरीके से पंचायत भवन बनाया गया है , जिसकी जांच भी चल रही है , उन्होंने बताया कि सर्वप्रथम तो पंचायत भवन ग्रामसभा की या सरकारी ज़मीन पर प्रस्ताव करके बनता है और यदि वैसी जमीन नहीं है तो फिर किसी जमीन को डॉक्युमेंटेशन करा कर ही निर्माण हो सकता है , अगर ऐसा नहीं है तो सरकारी धन का दुरुपयोग भी नहीं होना चाहिए।
उन्होंने माना कि ग्राम प्रधान और उनके प्रतिनिधि आए थे और उन्होंने पंचायत भवन निर्माण की फाइल भी दी थी , जिस पर आपत्ति होने की वजह से जांच चल रही है , रिपोर्ट आने के बाद ही कोई कार्रवाई की जाएगी , हालांकि उन्होंने 5% कमीशन की बात को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि यह आरोप निराधार है ।
लेकिन ग्राम प्रधान प्रतिनिधि विनोद कुमार गुप्ता कैमरे पर बीडीओ साहब द्वारा हर काम में 5 प्रतिशत कमीशन मांगने की बात करते वायरल भी हो चुके हैं ।
फिलहाल बाराचावर के लखनौली ग्राम सभा में ग्राम प्रधान , ग्राम सचिव और खंड विकास अधिकारी के बीच में एक गरीब दलित परिवार की ज़मीन पर गलत तरीके से पंचायत भवन और वो भी सरकारी धन से बन चुका है और पीड़ित दलित परिवार न्याय की बाट जोह रहा है , अब देखना है कि इस महिला को न्याय कब तक मिलता है ।