रिपोर्ट श्वेताभ सिंह
वाराणसी। भाजपा के बिहार प्रदेश सह प्रभारी रहे स्व. सुनील ओझा के चैरिटेबल ट्रस्ट “ओएस बालकुंदन फाउंडेशन” में फर्जी न्यासी बनकर संपत्तियां हड़पने की साजिश के आरोप में कैंट थाने में सात लोगों पर केस किया गया है। सुनील ओझा के बेटे विरल ने तहरीर दी थी।
महमूरगंज के विराट विला निवासी विरल ओझा (मूल निवास बड़ोदरा के अरविंद पार्क सोसाइटी निवासी) ने बताया कि उनके पिता सुनील बालकृष्ण ओझा ओएस बालकुंदन फाउंडेशन के प्रधान ट्रस्टी थे।
हैदराबाद के जुबली हिल्स निवासी मेकला विष्णुवर्धन रेड्डी और महमूरगंज की संध्या दुबे भी फाउंडेशन में ट्रस्टी नियुक्त थी। अन्य ट्रस्टियों की सहमति से बाद में शिवदासपुर निवासी नितिन मल्होत्रा को भी ट्रस्ट में नियुक्त हुई थी।
29 नवंबर 2023 को सुनील ओझा का निधन हो गया। इसके बाद रेड्डी ने ट्रस्ट की निहित शक्तियों एवं बोर्ड की सहमति से 29 दिसंबर 2023 को ओझा विरल और ओझा रित्विक की ट्रस्ट में नियुक्ति की।
इस बीच पता चला कि संध्या दुबे ने माधोपुर निवासी हरिशंकर दुबे, कोल्हुआ-विनायका निवासी अमित कुमार मिश्र, लोहता के भरथरा निवासी विनोद कुमार पांडेय, छित्तूपुर निवासी प्रेमराज खामिजा, सिद्धगिरि बाग निवासी संजय तिवारी और जयप्रकाश तिवारी के साथ मिलकर फर्जी न्यासी नियुक्ति विलेख तैयार कराया। इसका पंजीकरण बीते 21 अक्तूबर को उपनिबंधक कार्यालय सदर तृतीय वाराणसी के कार्यालय में है। इस आधार पर संध्या दुबे और उनकी ओर से नियुक्त ट्रस्टी सम्पत्तियों को हड़पने की साजिश रच रहे हैं।