
गाजीपुर।
मऊ से घोसी बसपा सांसद अतुल राय दुराचार के मामले में कोर्ट से बरी हो गए। इससे उनके परिजनों सहित समर्थकों में खुशी की लहर दौड़ गई। कोर्ट से बरी होने की पुष्टि अतुल राय के वकील अनुज यादव और वादी के वकील एडीजीसी ज्योति शंकर ने की है।
आपको मालूम हो कि वाराणसी की एमपी-एमएलए कोर्ट ने शनिवार को सांसद के खिलाफ चल रहे दुराचार केस में फैसला सुनाया है। सांसद के वकील अनुज यादव के अनुसार अदालत ने इस मामले में पीड़िता के बयान को विश्वसनीय नहीं माना है घटना साबित नहीं हो सकी। घटना स्थल को लेकर भी पीड़िता की ओर से कोई साक्ष्य नहीं दिया जा सका।
अतुल राय के खिलाफ दुष्कर्म, फर्जीवाड़ा, धमकी देना और आइटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज था। सभी में उन्हें अदालत ने बरी कर दिया है।
आपको बता दें कि अतुल राय के खिलाफ दुराचार का मामला 2019 से चल रहा था। अतुल राय वर्तमान समय में नैनी जेल में बंद है। विशेष न्यायाधीश (एमपी-एमएलए) सियाराम चौरसिया की अदालत ने शनिवार को इस मामले में अपना फैसला सुनाया।
लोकसभा चुनाव के प्रचार के बीच 1 मई 2019 के दिन लंका थाने में अतुल राय के खिलाफ मामला दर्ज हुआ था। मूल रूप से बलिया जिले की रहने वाली यूपी कालेज की पूर्व छात्रा ने 1 मई 2019 लंका थाने में अतुल राय के खिलाफ दुष्कर्म सहित अन्य आरोपों में मुकदमा दर्ज कराया था। 22 जून 2019 को अतुल ने वाराणसी की कोर्ट में सरेंडर कर दिया था।
अतुल राय अभी प्रयागराज की नैनी सेंट्रल जेल में बंद हैं। उनके कोर्ट से बरी होने की सूचना मिलते ही उनके परिजनों के साथ ही समर्थकों में खुशी की लहर दौड़ गई। उन्होंने एक-दूसरे का मुंह मीठा कराते हुए अपनी खुशी का इजहार किया।