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गाजीपुर ।
हर साल सर्दियों में वायु प्रदूषण चिंताजनक स्थिति में होता है। इसी मौसम में राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस हर साल 2 दिसंबर को मनाया जाता है । इसे मनाने की वजह 1984 में हुए एक औद्योगिक हादसा है ।
जिससे 2-3 दिसंबर की रात को भोपाल में एक जहरीली गैस का रिसाव हुआ था । इसी को लेकर आज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मोहनदाबाद के अंतर्गत आने वाले हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर एवं ग्रामों में एक जागरूकता गोष्ठी का आयोजन चिकित्सा अधीक्षक डॉ आशीष राय की अध्यक्षता में किया गया।
चिकित्सा अधीक्षक डॉ आशीष राय ने बताया कि वर्तमान समय में मानवीय अस्तित्व के लिए सबसे बड़े संकट की बात की जाए तो निःसंदेह ही पर्यावरण प्रदूषण धरती के लिए सबसे बड़ा खतरा है ।
आज विश्व का प्रत्येक भाग मानव द्वारा निर्मित प्रदूषण से जूझ रहा है जिसके कारण विभिन पर्यावरणीय समस्याएँ उत्पन हो गयी है । जल , स्थल, वायुमंडल सहित जीवमंडल का सम्पूर्ण पारिस्थितिक तंत्र प्रदूषण के कारण संकट में है ।
मानवीय प्रदूषण के कारण उत्पन संकट को दूर करने के लिए सरकार द्वारा प्रतिवर्ष राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस के माध्यम से देश के नागरिको को जागरूक किया जाता है । प्रदूषण का पारिस्थितिक तंत्र सहित मानवीय जीवन पर घातक प्रभाव होता है । प्रदूषण के कारण पारिस्थितिक तंत्र में असंतुलन उत्पन हो जाता है । जिसके कारण विभिन जीवों का अस्तित्व खतरे में पड़ जाता है ।
प्रदूषण का पारिस्थितिक तंत्र सहित मानव जीवन पर घातक प्रभाव पड़ता है। इसके कारण विभिन जीवों के खाद्यान एवं आवास पर संकट उत्पन होता है। साथ ही विभिन वैज्ञानिक अनुसंधानो में भी यह बात साबित हो चुकी है की प्रदूषण ना सिर्फ हृदय, श्वसन एवं तंत्रिका तंत्र सम्बंधित बीमारियों के लिए जिम्मेदार है। अपितु यह कैंसर जैसे बीमारियों का भी प्रमुख कारक है। प्रदूषण के कारण लोगो की उम्र में 10 वर्ष तक की कमी सम्बंधित शोध भी प्रकाशित हो चुके है।
ब्लाक कार्यक्रम प्रबंधक संजीव कुमार ने बताया कि राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस क्या है प्रदूषण दिवस 2 दिसंबर को क्यों मनाया जाता है इसका मुख्य उद्देश्य नागरिको को पर्यावरण प्रदूषण के बारे में जागरूक करना है। राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस के माध्यम से सरकार एवं विभिन गैर-सरकारी संस्थानों के द्वारा विभिन कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है जिसके माध्यम से पर्यावरण प्रदूषण का कारकों, इसके नियंत्रण एवं निस्तारण में लोगों की सहभागिता के माध्यम से पर्यावरण प्रदूषण पर नियंत्रण हेतु प्रभावी कार्ययोजना को लागू किया जाता है। साथ ही जन-सहभागिता के अतिरिक्त राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस के अवसर पर विभिन नियमों एवं कानूनो के बारे में भी लोगों को जागरूक किया जाता है। पर्यावरण प्रदूषण हेतु प्रभावी उपायों के बारे में भी इस दिवस के अवसर पर विभिन प्रकार की जानकारी साझा की जाती है। प्रदूषण के कारकों के आधार पर इसे विभिन प्रकार से विभाजित किया गया है जिन्हे मुख्यत निम्न प्रकार से बाँटा गया है :- जल-प्रदूषण, वायु-प्रदूषण, मृदा प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण, प्रदूषण के प्रमुख कारक है। मानव निर्मित औद्योगिक गतिविधियों, रसायनों के प्रयोग, खनिज तेल का उपयोग एवं प्राकृतिक संसाधनों के अंधाधुन दोहन के कारण प्रदूषण पैदा होता है।