प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को फ्रांस की राजधानी पेरिस में भारतीयों को संबोधित करते हुए कहा कि बहुत जल्द भारतीय पर्यटक एफिल टावर में भी यूपीआई से भुगतान कर पाएंगे। उन्होंने कहा कि फ्रांस में भारतीय यूपीआई से भुगतान करने को लेकर समझौता हुआ है। इसकी शुरुआत एफिल टावर से होगी और भारतीय यहां यूपीआई के जरिये रुपये में भुगतान कर पाएंगे। पीएम मोदी ने कहा कि इस समझौते से भारतीय नवाचार के लिए एक बड़ा नया बाजार खुल जाएगा। साथ ही पीएम ने भारतीयों से अपील की कि भारत को तेजी से विकसित देश बनाने के लिए वे देश में बड़ी मात्रा में निवेश करें। उन्होंने कहा, सभी रेटिंग एजेंसियां भारत को चमकता सितारा बता रही हैं। आपके लिए निवेश का यह सही समय है।
बता दें, 2022 में यूपीआई सेवाएं प्रदान करने वाली प्रमुख संस्था नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) ने फ्रांस की तेज और सुरक्षित ऑनलाइन भुगतान प्रणाली ‘लायरा’ (Lyra) के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए थे। इसके बाद 2023 में, यूपीआई और सिंगापुर के PayNow ने एक समझौते पर हस्ताक्षर किए, जिससे दोनों देशों के उपयोगकर्ताओं को सीमा पार लेनदेन करने की अनुमति मिल गई। यूएई, भूटान और नेपाल पहले ही यूपीआई भुगतान प्रणाली को अपना चुके हैं। एनपीसीआई इंटरनेशनल अमेरिका, यूरोपीय देशों और पश्चिम एशिया में यूपीआई सेवाओं का विस्तार करने के लिए बातचीत कर रहा है।
नई विश्व व्यवस्था में तेजी से बदल रही भारत की क्षमता व भूमिका…
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि दुनिया एक नई विश्व व्यवस्था की ओर बढ़ रही है और इसमें भारत की क्षमता व भूमिका तेजी से बदल रही है। पेरिस में भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने जी-20 की भारत की अध्यक्षता का संदर्भ देते हुए कहा, पहली बार किसी देश की अध्यक्षता में ऐसा हो रहा है कि उसके कोने-कोने में 200 से ज्यादा बैठकें हो रही हैं। जी-20 समूह भारत के सामर्थ्य को देख रहा है।
जल्द पांच लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बनेंगे भारत
पीएम मोदी ने कहा, भारत का हजारों वर्ष का इतिहास, अनुभव और विश्व कल्याण के लिए भारत के प्रयासों का दायरा बहुत बड़ा है। भारत लोकतंत्र की जननी और विविधता का प्रतीक है। यह हमारी बहुत बड़ी ताकत है। भारत की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए पीएम ने कहा, भारत 10 साल में दुनिया की 10वीं से पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया। इसका गर्व सिर्फ भारतीयों को ही नहीं है। इस उपलब्धि के कारण पूरी दुनिया को यह विश्वास है कि भारत को 5 लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने में देर नहीं लगेगी।