चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) मिशन के सफल होते ही एक नए मिशन की चर्चा शुरू हो गई. इसका जिक्र पीएम मोदी ने वैज्ञानिकों को बधाई देते हुए किया. उन्होंने जानकारी दी कि सूर्य का अध्ययन करने वाला मिशन जल्द लॉन्च होगा. चंद्रमा पर तिरंगा फहराने के बाद अब इसरो (ISRO) अपने अगले मिशन पर काम कर रहा है और इसरो का अगला मिशन है सूरज. इसका जिक्र पीएम मोदी ने वैज्ञानिकों को बधाई देते हुए किया. पीएम मोदी के बयान के बाद इसरो प्रमुख एस. सोमनाथ (S. Somnath) ने भी सूर्य की स्टडी के मिशन की जानकारी शेयर की.
किस तारीख को लॉन्च किया जाएगा आदित्य-L1?
बता दें कि सूर्य के अध्ययन के लिए आदित्य-L1 (Aditya-L1) को सितंबर में लॉन्च किया जाएगा. श्रीहरिकोटा में सतीश धवन स्पेस सेंटर से इस स्पेसक्राफ्ट को लॉन्च करने की तैयारी अंतिम दौर में है. आदित्य-L1 को LMVM-3 रॉकेट से लॉन्च किया जाएगा. लॉन्चिंग से करीब 4 महीने बाद ये स्पेसक्राफ्ट अपनी मंजिल पर पहुंचेगा.
कहां तैनात होगा आदित्य-L1?
जान लें कि आदित्य-L1 लैगरेंज पॉइंट पर तैनात होगा. दरअसल L1 पॉइंट ऐसी जगह है जहां किसी ग्रहण का प्रभाव नहीं पड़ता है. लैगरेंज पॉइंट धरती से 15 लाख किलोमीटर दूर है. सूरज की स्टडी के लिए आदित्य-L1 में 7 अलग-अलग उपकरण लगाए गए हैं. इस मिशन पर करीब 378 करोड़ रुपये के खर्च का अनुमान है.
कौन से देश कर चुके हैं सूर्य की स्टडी?
आदित्य-एल1 मिशन, इसरो का अब तक का सबसे मुश्किल मिशन माना जा रहा है. सूर्य को जानने के लिए अब तक अमेरिका, जर्मनी, यूरोपियन स्पेस एजेंसी ने 22 मिशन भेजे हैं. जल्द ही ISRO भी इस ग्रुप में शामिल हो जाएगा.
वहीं, चंद्रयान की बात करें तो चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग के बाद चंद्रयान-3 के लैंडर से प्रज्ञान रोवर बाहर आ चुका है. इसके बाद इसरो का लोगो और अशोक स्तंभ दोनों के निशान चंद्रमा की सतह पर बन गए. बता दें कि चांद की सतह पर रोवर के करीब 6 सफल मूवमेंट हो चुके हैं. प्रज्ञान रोवर ने तय एक्सपेरिमेंट भी शुरू कर दिए हैं. चांद्र से डेटा भी रोवर से लैंडर को और फिर ये इसरो टेलीमेट्री, ट्रैकिंग एंड कमांड नेटवर्क (ISTRAC) को मिल रहा है. रोवर से चंद्रमा के बारे में कई महत्वपूर्ण जानकारियां मिलने की उम्मीद है.