असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने रविवार को गांधी परिवार पर ‘देश को तोड़ने का काम करने” का आरोप लगाया और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी से ‘गांधी टाइटल छोड़ देनेट का आग्रह किया.
न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक उन्होंने कहा कि गांधी परिवार ‘डुप्लिकेट का सरदार’ है और आरोप लगाया कि उन्होंने ‘बहुत सारे घोटाले’ किए हैं. असम के सीएम ने गुवाहाटी में भाजपा महिला मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक को संबोधित करते हुए कहा, ‘उनका पहला घोटाला गांधी टाइटल से शुरू हुआ. उन्होंने सिर्फ परिवारवाद किया और देश को तोड़ने का काम किया. मैं राहुल गांधी से गांधी टाइटल छोड़ देने का अनुरोध करता हूं.’
‘मैंने लंबे समय तक किया शोध’
पीटीआई भाषा के मुताबिक कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आने वाले सरमा ने कहा, ‘मैंने लंबे समय तक शोध किया कि इंदिरा, राहुल, राजीव और प्रियंका किस ‘फॉर्मूले’ से गांधी बने, लेकिन मुझे इस बारे में कुछ नहीं मिला.’ उन्होंने कहा कि अगर कोई डाकू गांधी उपनाम का इस्तेमाल करता है तो इससे वह साधु नहीं हो जाएगा.
वर्ष 2015 में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल होने वाले शर्मा ने कहा, ‘राहुल गांधी जी से मेरा विनम्र अनुरोध है कि कृपया अपना नकली उपनाम हटा दें, क्योंकि यह असली नहीं है.’
विपक्ष गठबंधन के इंडिया नाम रखने पर भी साधा निशाना
सरमा ने विपक्षी गठबंधन के नाम के रूप में ‘इंडिया’ शब्द का उपयोग करने के लिए भी कांग्रेस की आलोचना की और दावा किया कि सबसे पुरानी पार्टी अपनी राजनीतिक सुविधा के अनुसार ‘इंडिया’ और भारत का उपयोग करती है.
बीजेपी नेता ने आरोप लगाया, ‘आप (कांग्रेस) ने ‘इंडिया’ का नाम लेकर बहुत बड़ा पाप किया है क्योंकि आपने भारत का गौरव बढ़ाने के लिए कभी कुछ नहीं किया. आपने केवल अपने परिवार का दबदबा बढ़ाने के लिए काम किया. आपको खुद को ‘इंडिया’ या भारत कहने का अधिकार नहीं है.’
कांग्रेस का पलटवार
पीटीआई-भाषा के मुताबिक कांग्रेस ने सरमा पर पलटवार करते हुए सवाल किया कि किसी का उपनाम असम के लिए चिंता का कारण कैसे हो सकता है, जबकि राज्य अधिक गंभीर समस्याओं का सामना कर रहा है. कांग्रेस ने कहा कि मुख्यमंत्री को पहले इन्हें हल करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए.
कांग्रेस के प्रवक्ता अपूर्व भट्टाचार्य ने कहा, ‘एक मुख्यमंत्री के लिए ऐसे शब्द अशोभनीय हैं. वह कौन होते हैं इस पर टिप्पणी करने वाले कि राहुल जी गांधी उपनाम के लायक हैं या नहीं? क्या यह किसी भी तरह से राज्य की समस्याओं से संबंधित है? किसी का उपनाम राज्य के लिए समस्या कैसे हो सकता है?’