आपको Corona का समय याद होगा. जब एक virus ने हमारे देश की ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया की रफ्तार थाम दी थी. Corona virus हजारों लाखों लोगों की मौत का कारण बना था. एक virus की वजह से दुनिया कांप गई थी, अस्पतालों में बिस्तर तक नहीं बचे थे. दुनिया महामारी के चंगुल में बुरी तरह से फंस गई थी और इसकी वजह थी Corona virus.
लेकिन अब भारत में Corona से भी कई गुना ज्यादा खतरनाक वायरस आ गया है. हम आपको डरा नहीं रहे हैं बल्कि सावधान कर रहे हैं. केरल में आजकल nipah virus चिंता का कारण बना हुआ है. इस virus को बढ़ने से रोकने के लिए ठीक उसी तरह की सावधानियां बरती जा रही हैं, जैसे कोरोना के समय बरतीं गई थी.
- केरल में अबतक 6 लोगों में nipah virus की पुष्टि हुई है.
- nipah की वजह से 2 लोगों की मौत हुई है.
- 7 ग्राम पंचायतों को containment zone बनाया गया है.
- containment zone वाले इलाकों और अस्पतालों में mask पहनना अनिवार्य किया गया है.
- कोझिकोड जिले में 24 सितंबर तक सभी शैक्षणिक संस्थानों, आंगनबाड़ी केंद्र, bank और सरकारी संस्थानों को बंद रखने का आदेश है.
अभी तक हम Corona virus को खतरनाक मान रहे थे, Corona virus खतरनाक है भी. लेकिन nipah virus, कोरोना से भी कई गुना ज्यादा खतरनाक है. Indian Council of Medical Research यानि ICMR ने nipah virus को लेकर खतरे का अलार्म बजाया है.
पूरी दुनिया में Corona virus से संक्रमण होने पर मृत्यु दर 2 फीसदी से कम थी. लेकिन nipah virus से संक्रमण में मृत्यु दर 45-70 फीसदी है. यानि इस वायरस से 45 से 70 फीसदी मरीजों की मौत हो जाती है. इसी से समझा जा सकता है कि ये कोरोना से भी कितना खतरनाक है.
आपके दिमाग में ये सवाल भी जरूर आ रहा होगा कि निपाह वायरस फैलता कैसे है. और क्यों ये virus इतना खतरनाक है. आइये आपको इसके बारे में बताते हैं…
- nipah virus एक तरह का zoonotic infection है. जो जानवर से फैलता है.
- आमतौर पर निपाह वायरस चमगादड़, सुअर से फैलता है.
- अगर इस virus से infected चमगादड़ किसी फल को खाता है और उसी फल या सब्जी को कोई इंसान या जानवर खा लेता है तो वो भी infected हो जाएगा.
- nipah virus सिर्फ जानवरों से ही नहीं बल्कि एक infected व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में भी फैल सकता है.
nipah virus की अब तक कोई vaccine तैयार नहीं हुई है, हांलाकि इस virus से संक्रमित मरीजों को monoclonal antibody injection दिए जाते हैं. ये injection निपाह वायरस से संक्रमित होने पर शुरुआती दिनों में दिए जाते हैं. ICMR ने nipah के इलाज के लिए वर्ष 2018 में एक Research की थी. उस दौरान Australia के queensland से trials के तौर पर monoclonal antibody injection मंगाए गए थे, जो कुछ हद तक कारगर रहे थे.
nipah की वजह से केरल के कोझिकोड की 7 पंचायतों में शिक्षण संस्थान, आंगनबाड़ी केंद्र, बैंक और सरकारी संस्थान बंद है. यहां एक तरह का lockdown लगा हुआ है. सुबह 7 से शाम 5 बजे तक सिर्फ Chemist और जरूरी चीजों की दुकानें ही खोलने की इजाजत है. निपाह वायरस को लेकर राज्य से लेकर केंद्र सरकार तक अलर्ट मोड पर है. केरल में nipah virus को फैलने से रोकने के लिए हर जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं. Nipah, corona से भी खतरनाक है इसलिए इसे रोकना भी बड़ा challenge है. इस virus को फैलने से रोकने की एक ही दवाई है…सावधानी. इसलिए इसके लक्षणों को पहचानना भी बहुत जरूरी है.
- बुखार
- सिर दर्द
- सांस लेने में परेशानी
- खांसी और गला खराब
- उल्टी
- मासपेशियों में दर्द
बहुत ज्यादा कमजोरी, ये वो लक्षण है जो nipah virus के मरीज में दिखते है.
अगर इस तरह के लक्षण दिखे तो सावधानी बरतना बेहद जरूरी हो जाता है. हमारा मकसद आपको डराना नहीं है, बल्कि खतरा आने से पहले ही आपको सावधान करना है. इसलिए अगर ऐसे लक्षण दिखे तो कुछ जरूरी कदम उठाएं.
- किसी भी virus से बचने का सबसे आसान और सामान्य तरीका हाथों को समय-समय पर साबुन से धोना है. इससे virus का खतरा कम हो जाता है.
- बीमार और संक्रमित व्यक्ति और पशुओं से दूरी बनाएं.
- फल या सब्जियों को धोकर खाएं, पक्षियों द्वारा खाए गए फलों को ना छुएं
- nipah का कोई भी लक्षण दिखे तो Doctor से सलाह लें.
भारत में अबतक 6 बार nipah virus दस्तक दे चुका है. केरल में ही पिछले 5 वर्ष में 4 बार इस deadly virus के केस मिले हैं.
- वर्ष 2001 में nipah virus के Siliguri में 66 केस आए थे. इस वर्ष निपाह से 45 लोगों की मौत हुई थी.
- वर्ष 2007 में पश्चिम बंगाल के नादिया जिले में 5 केस आए थे और पांचों मरीजों की मौत हो गई थी.
- वर्ष 2018 में निपाह के केरल में 24 केस आए और 21 मरीजों की मौत हुई.
- 2019 में केरल में निपाह का 1 केस आया और इस मरीज की मौत हो गई थी.
- 2021 में केरल में निपाह का 1 केस आया, और इस व्यक्ति की मौत हो गई थी.
- वर्ष 2023 में अबतक निपाह के 6 केस आए है, दो लोगों की ये वायरस मौत का कारण बन चुका है.
दुनिया में पहली बार ये virus वर्ष 1998 में malaysia में फैला था. malaysia में उस वक्त इसके 300 case आए थे और 100 लोगों की मौत हुई थी. उस वक्त malaysia में 10 लाख से ज्यादा सुअरों को मारा गया था. हर वर्ष एशिया के कुछ हिस्सों, खासकर बांग्लादेश में nipah virus के मामले आते हैं. इस virus के लिए sensitive देशों में भारत, बांग्लादेश के अलावा Malaysia, Singapore, Cambodia, Indonesia, Madagascar, Philippines और Thailand शामिल हैं.
nipah virus में मृत्यु दर ज्यादा है, लेकिन पूरी दुनिया में इस वायरस की history बताती है कि ये कभी भी बहुत तेज़ी से नहीं फैला है. हांलाकि WHO ने इस बात की आशंका भी जताई है कि इस virus का बहुत तेज़ी से फैलने वाला variant भी आ सकता है. अगर nipah का तेज़ी से फैलने वाला variants आया, तो मौत का आंकड़ा बहुत बड़ा हो सकता है. वैसे पिछले कुछ वर्षों से zoonotic diseases यानि जो पशुओं से इंसान में पहुंचती है, ऐसी बीमारियों में तेज़ी से वृद्धि हुई है. वैज्ञानिकों के अनुसार जलवायु परिवर्तन, जंगल का कटना, जंगलों में आग लगना और industrial farming, इन वजहों से भी इस तरह की बीमारियां बढ़ रही हैं. वैज्ञानिकों का मानना है कि अगले 50 वर्षों में 1 हजार से ज्यादा इस तरह की बीमारियां इंसान को घेर सकती है.
nipah virus एक deadly virus है, इसलिए खतरा भी बड़ा है. हम आपको डरा नहीं रहे है बल्कि सावधान कर रहे हैं. क्योंकि corona की तरह ही इस जानलेवा nipah virus को भी सावधानी से ही हराया जा सकता है.