मथुरा की शाही ईदगाह मस्जिद के ज्ञानवापी जैसे सर्वे की मांग पर हिन्दू पक्ष को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है. ज्ञानवापी की तर्ज पर साइंटिफिक सर्वे की मांग को लेकर सुनवाई करने से दायर याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने इन्कार किया है. हिन्दू पक्ष ने इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, लेकिन शीर्ष अदालत का कहना है कि ज्ञानवापी पर सर्वे से जुड़े मामले इलाहाबाद हाईकोर्ट में चल रहे हैं. लिहाजा ऐसी किसी याचिका पर सुनवाई उच्च न्यायालय में ही होनी चाहिए.
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने ज्ञानवापी सर्वे के मामले में भी यही किया था. उसने ज्ञानवापी के वैज्ञानिक सर्वे को लेकर दायर याचिकाओं के निस्तारण के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट को ही भेजा था. मुस्लिम पक्ष की दलीलों को नकारते हुए हाईकोर्ट ने बिना इमारत को नुकसान पहुंचाए ज्ञानवापी परिसर के सर्वे का आदेश दिया था. हिन्दू पक्ष का वहां दावा है कि ये शृंगार गौरी मंदिर का हिस्सा है और वहां कथित फव्वारा और कुछ नहीं बल्कि शिवलिंग है.
हालांकि मुस्लिम पक्ष ने इन दावों से इनकार किया था. उसका कहना है कि ज्ञानवापी सर्वे प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट का उल्लंघन है. यह अयोध्या के अलावा मथुरा, काशी या किसी अन्य धर्मस्थल के मौजूदा स्वरूप के छेड़छाड़ की इजाजत नहीं देता है. हालांकि कोर्ट का कहना है कि वैज्ञानिक सर्वे से किसी भी तरह की छेड़छाड़ कहां हो रही है. साइंटिफिक सर्वे को लेकर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग यानी एएसआई ने कोर्ट में हलफनामा भी दिया था.