एम के न्यूज / महेन्द्र शर्मा
नईदिल्ली
भारतीय वायु सेना को पहली स्वदेशी अस्त्र मिसाइल मिल गई। यह हवा से हवा में ही दागी जाने वाली मिसाइल है। इस मिसाइल को वियांड विजुअल रेंज दागा जाता है। यानी जहां से पायलट देख नहीं सकता है, वहां भी यह मिसाइल सटीक हमलाकर तबाही मचा देती है। पिछले साल ही तेजस लड़ाकू विमान से मिसाइल टेस्ट किया गया था।
इसके मुताबिक, ‘‘अस्त्र हथियार प्रणाली हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल की श्रेणी में दुनिया में सबसे बेहतरीन मिसाइल है। इस मिसाइल की मारक क्षमता 100 किलोमीटर से अधिक है।’’
केंद्रीय मंत्री ने भारत सरकार की ‘आत्मनिर्भर’ नीति के अनुरूप देश में ही विकसित मिसाइल के उत्पादन को साकार करने के प्रयासों के लिए बीडीएल को बधाई दी। उन्होंने देश से रक्षा निर्यात को बढ़ाने में बीडीएल द्वारा दिये जा रहे योगदान की भी सराहना की।
डीआरडीओ की इस अस्त्र मिसाइल को सुखोई-30 एमकेआई, मिग 29 और तेजस लड़ाकू विमान में लगाया जा सकता है। इसे तेजस एमके2, एएमसीए और टेडबीएफ लड़ाकू विमान में भी लगाने की तैयारी है। वायुसेना पहले ही इस मिसाइल पर भरोसा जता चुकी है। यह मिसाइल दागने के बाद दुश्मन के हमले से बचने का समय देती है। इसे सैन्य भाषा में स्टैंड ऑफ रेंज कहा जाता है।
ये है मिसाइल की खासियत…
इसमें ऑप्टिकल प्रॉक्सीमिटी फ्यूज लगा है।
यही फ्यूज लक्ष्य पर पूरी नजर रखता है।
इस मिसाइल का वजन 154 किलोग्राम है।
इस मिसाइल की लंबाई 12.6 फीट है।
इस मिसाइल में कोई भी विस्फोटक लगा सकते है।
यह अपने साथ 15 किलोग्राम तक हथियार ले जा सकती है।
इस मिसाइल की रेंज 160 किलोमीटर है।
इस मिसाइल की रेंज 350 किलोमीटर तक बढ़ाने की तैयारी है।
यह 66 हजार फीट की ऊंचाई तक जाती है।
यह यह 5556.6 किलोमीटर की रफ्तार से दुश्मन का पीछा करती है।
सबसे खास बात यह है कि इसका टारगेट हवा में ही बदला जा सकता है।