एम के न्यूज / महेन्द्र शर्मा
नई दिल्ली
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारतीयों द्वारा विदेशों में जाकर शादी रचाने के बढ़ते चलन का मुद्दा उठाया और कहा कि लोगों को ‘‘भारत में ही शादी” करने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए ताकि देश का धन देश में ही बना रहे। गुजरात के अमरेली शहर में बनने वाले खोडलधाम ट्रस्ट कैंसर अस्पताल के शिलान्यास समारोह को डिजिटल तरीके से संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने लोगों से देश में पर्यटन को बढ़ावा देने में मदद करने की भी अपील की।
क्या विदेश में शादी करना उचित है?
मोदी ने कहा कि लोगों को कैंसर के इलाज में कठिनाइयों का सामना न करना पड़े, यह सुनिश्चित करने के लिए उनकी सरकार ने कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि इस बीमारी के लिए चिकित्सा देखभाल प्रदान करने और सस्ती कीमतों पर दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए लगभग 30 नए अस्पताल स्थापित किए गए हैं। उन्होंने कहा कि बीमारी के शीघ्र निदान में मदद के लिए ग्रामीण स्तर पर 1.5 लाख से अधिक आयुष्मान आरोग्य मंदिर (स्वास्थ्य केंद्र) भी बनाए गए हैं। श्री खोडलधाम ट्रस्ट-कागवाड का प्रबंधन करने वाले लेउवा पाटीदार समुदाय के सदस्यों की सभा को संबोधित करते हुए, मोदी ने कहा, ‘‘क्या विदेश में शादी करना उचित है? क्या हमारे देश में शादी नहीं हो सकती? भारत का कितना धन बाहर चला जाता है।”
‘मेड इन इंडिया’ की तरह ‘वेड इन इंडिया’
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘आपको ऐसा माहौल बनाना चाहिए कि विदेश में शादी करने की बीमारी आपके समुदाय में न आए। शादी मां खोडल (समुदाय द्वारा पूजनीय देवी) के चरणों में क्यों नहीं होनी चाहिए? इसलिए मैं कहता हूं ‘वेड इन इंडिया’। शादी हिंदुस्तान में करो। ‘मेड इन इंडिया’ की तरह ‘वेड इन इंडिया’।” उन्होंने लोगों से देश के भीतर पर्यटन को बढ़ावा देने में मदद करने की भी अपील की। मोदी ने कहा, ‘‘जितना संभव हो, पहले अपने देश की यात्रा करें। यदि आप यात्रा करना चाहते हैं, तो अपने देश के भीतर यात्रा करें, पर्यटन को बढ़ावा दें।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि कैंसर जैसी गंभीर बीमारी का इलाज किसी भी व्यक्ति या परिवार के लिए एक बड़ी चुनौती होती है। सरकार ने यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया है कि लोगों को इलाज में दिक्कतों का सामना न करना पड़े। उन्होंने कहा, ‘‘इस विचार के साथ, लगभग 30 नए कैंसर अस्पताल स्थापित किए गए हैं तथा 10 और कैंसर अस्पतालों पर काम चल रहा है।” उन्होंने कहा कि कैंसर के इलाज के लिए शीघ्र निदान महत्वपूर्ण होने के कारण, केंद्र सरकार ने ग्रामीण स्तर पर 1.5 लाख से अधिक आयुष्मान आरोग्य मंदिर बनाए हैं और कैंसर के शीघ्र निदान में मदद करने के लिए इन स्वास्थ्य केंद्रों का इस्तेमाल करने पर जोर दिया है।
कम कीमत पर मरीजों को दवा उपलब्ध कराकर बचाए 30000 करोड़
मोदी ने कहा कि सरकार के प्रयासों से इन आयुष्मान आरोग्य मंदिरों में महिलाओं को गर्भाशय ग्रीवा और स्तन कैंसर का शीघ्र पता लगाने में भी मदद मिली है। प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार द्वारा शुरू की गई आयुष्मान भारत योजना से छह करोड़ से अधिक लाभार्थियों को मदद मिली है, जिनमें से बड़ी संख्या में कैंसर रोगी हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने 10,000 जन औषधि केंद्र भी खोले, जो 80 प्रतिशत तक की छूट पर दवाएं उपलब्ध कराते हैं। उन्होंने कहा कि पीएम जन औषधि केंद्रों की संख्या बढ़ाकर 25,000 की जाएगी। मोदी ने कहा कि कम कीमत पर दवाओं की उपलब्धता से मरीजों को 30,000 करोड़ रुपये बचाने में मदद मिली है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार ने कैंसर की दवाओं की कीमतों को भी नियंत्रित किया है जिससे लाखों रोगियों को मदद मिली है। मोदी ने गुजरात की भी तारीफ की और कहा कि राज्य ने स्वास्थ्य क्षेत्र में बड़े सुधारों का मॉडल पेश किया है। उन्होंने कहा, ‘‘पिछले 20 वर्षों में गुजरात ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति की है।” प्रधानमंत्री ने कहा कि राज्य में 20 वर्षों में मेडिकल कॉलेजों की संख्या 11 से बढ़कर 40 हो गई है। एमबीबीएस सीटों की संख्या पांच गुना और परास्नातक (पीजी) सीटों की संख्या तीन गुना बढ़ गई है। उन्होंने कहा कि राजकोट में एक अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) स्थापित किया गया है।
मोदी ने कहा कि राज्य में फार्मेसी कॉलेजों की संख्या 2002 में 13 थी, जो बढ़कर 100 हो गई है। उन्होंने कहा कि इन 20 वर्षों के दौरान राज्य में डिप्लोमा फार्मेसी कॉलेजों की संख्या भी छह से बढ़कर 30 हो गई है। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘गुजरात ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में बड़े सुधारों का मॉडल पेश किया है। ग्रामीण स्तर पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खोले गए हैं और स्वास्थ्य सेवाओं को आदिवासी और गरीब क्षेत्रों तक पहुंचाया गया है। एम्बुलेंस सेवा-108 पर लोगों का भरोसा और मजबूत हुआ है।”
मोदी ने खोडलधाम ट्रस्ट के अगले कुछ हफ्तों में 14 साल पूरे करने के लिए लेउवा पाटीदार समुदाय को भी बधाई दी और कहा कि इसने शिक्षा, कृषि और स्वास्थ्य के क्षेत्रों में अपनी सेवा के माध्यम से लाखों लोगों के जीवन को बदलने के लिए काम किया है। उन्होंने समुदाय के सदस्यों से नौ अनुरोधों-पानी बचाएं, डिजिटल लेनदेन को प्रोत्साहित करें, साफ-सफाई पर जोर दें, भारत में बने उत्पादों को बढ़ावा दें, देश के भीतर पर्यटन को बढ़ावा दें, प्राकृतिक खेती, ज्वार-बाजरा का इस्तेमाल करें,