एम के न्यूज / महेन्द्र शर्मा
नई दिल्ली
सीबीआईसी की सीमा शुल्क के संबंध में अधिसूचनाओं में उपयोग की जाने वाली भाषा जटिल है और इसे सरल बनाने की जरूरत है। इससे उद्योग को इन आदेशों को समझने में मदद मिलेगी।
आर्थिक शोध संस्थान जीटीआरआई ने यह सुझाव दिया है।
ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (जीटीआरआई) ने कहा कि इसके लिए केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) को जरूरी विवरण वाली आसान अधिसूचनाओं का मसौदा तैयार करने में मदद के लिए संचार विशेषज्ञों की सेवाएं लेनी चाहिए।
कंपनी ने कहा कि इससे 2023 में 660 अरब डॉलर से अधिक का माल आयात करने वाली एक लाख से अधिक कंपनियों को मदद मिलेगी और इससे सरकार को शून्य लागत के साथ व्यापार करने में आसानी होगी और भारतीय उद्योग को स्पष्टता का अत्यधिक लाभ मिलेगा।
जीटीआरआई के सह-संस्थापक अजय श्रीवास्तव ने कहा, “आयात शुल्क को अधिसूचित करना सीबीआईसी का एक महत्वपूर्ण काम है। कंपनियां सीबीआईसी द्वारा अधिसूचित आयात शुल्क का भुगतान करती हैं, लेकिन वे इसे खुद नहीं कर सकतीं, क्योंकि सीबीआईसी अधिसूचनाओं में जटिल भाषा का उपयोग किया गया है और इनमें अधिकतर पिछली अधिसूचनाओं का संदर्भ दिया जाता है।”
उन्होंने कहा कि सरल भाषा के प्रयोग से इसके शुल्क और अन्य सूचनाओं में पारदर्शिता भी बढ़ेगी।
भारत में विभिन्न उत्पादों पर आयात शुल्क (0-150 प्रतिशत तक) काफी भिन्न-भिन्न हैं।