एम के न्यूज / महेन्द्र शर्मा
नई दिल्ली
केंद्र सरकार का स्टूटेंड इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (SIMI) को लेकर बड़ा फैसला सामने आया है। सरकार ने सिमी पर पांच साल का प्रतिबंध बढ़ाने का आदेश दिया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय का कहना है कि यह संगठन देश में शांति, सौहार्द और कानून व्यवस्था के लिए खतरा है।
गृह मंत्री अमित शाह ने एक्स पर पोस्ट शेयर कर लिखा- आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस के पीएम मोदी के विजन को ध्यान में रखते हुए SIMI पर पांच साल का प्रतिबंध बढ़ाया जाता है। यूएपीए के तहत यह गैरकानूनी संगठन माना जाएगा। इस संगठन को कई आतंकी और देश की अखंडता और शांतिपूर्ण माहौल को बाधित करने के मामलों में लिप्त पाया गया था। यह संगठन देश की सुरक्षा और एकता के लिए खतरा है।
बता दें स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) पर पहली बार भारत सरकार ने 1 फरवरी 2014 को प्रतिबंध लगाया था। 2019 में प्रतिबंध को पांच साल के लिए बढ़ा दिया गया था। 1977 में यूपी के अलीगढ़ में स्थापित यह संगठन भारत को इस्लामिक राष्ट्र में बदलने के एजेंडे पर काम करता है। सिमी को पहली बार 2001 में एक गैरकानूनी संगठन घोषित किया गया था और उस पर कई बार प्रतिबंध लगाया गया था। सिमी के सदस्य देश में कई आतंकी हमलों में शामिल रहे हैं, जिनमें 2014 में भोपाल जेल ब्रेक, 2014 में बेंगलुरु में एम चिन्नावामी स्टेडियम विस्फोट, 2017 में गया विस्फोट शामिल हैं।
सिमी पर केंद्र सरकार ने क्यों लगाया प्रतिबंध
सिमी को भारत की संप्रभुता, सुरक्षा और अखंडता को खतरे में डालने के लिए आतंकवाद को बढ़ावा देने, शांति और सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने में शामिल पाया गया है.
क्या है सिमी और उसका उद्देश्य
स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया एक प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन है. जिसकी स्थापना अप्रैल 1977 में हुआ था. जिसके संस्थापक अध्यक्ष मोहम्मद अहमदुल्ला सिद्दीकी थे. हालांकि बताया जाता है कि सिमी की स्थापना पहले ही हो गई थी. 1956 में बने प्रतिबंधित संगठन जमात ए इस्लामी को ही नया रूप देकर सिमी बनाया गया.
9/11 हमले के बाद सरकार ने सिमी पर लगाया था बैन
9/11 हमले के बाद भारत सरकार ने 2001 में स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया पर प्रतिबंध लगा दिया था. सरकार ने यह कार्रवाई आतंकवादरी संगठन के साथ संबंध होने पर लगाया था. हालांकि अगस्त 2008 में एक विशेष न्यायाधिकरण द्वारा प्रतिबंध हटा दिया गया था. लेकिन फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई और सिमी पर फिर से प्रतिबंध लगा दिया है.