एम के न्यूज / महेन्द्र शर्मा
Kisan Andolan: Punjab के किसान 13 फरवरी को दिल्ली की ओर बढ़ेंगे। सोमवार को चंडीगढ़ में किसान नेताओं और तीन केंद्रीय मंत्रियों के बीच हुई मुलाकात संबंधित नहीं रही थी।
सूत्रों के अनुसार, मुलाकात में किसानों के खिलाफ दर्ज हुए FIR और अन्य केस्स को वापस लेने पर सहमति हुई थी। इसी समय, किसानों के लिए सभी प्रकार के ऋण और कर्जमाफी फंस गई थी।
मुलाकात चंडीगढ़ के सेक्टर-26 में स्थित महात्मा गांधी राज्य सार्वजनिक प्रशासन संस्थान में हुई थी। केंद्र से यूनियन मंत्रियों अर्जुन मुंडा, पीयूष गोयल और नित्यानंद राय ने मुलाकात में भाग लिया।
ये हैं किसानों की मुख्य मांगें
सभी फसलों के लिए स्वामीनाथन रिपोर्ट के अनुसार MSP की कानूनी गारंटी की मांग
किसानों और किसान मजदूरों के ऋण का माफी का आवाद
लखीमपुर खीरी में जाने वाले किसानों के लिए न्याय और आशीष मिश्रा के जमाने के सभी दोषियों की जमानत रद्द करके प्रतिबंधित करने की मांग
लखीमपुर खीरी हादसे में घायल होने वाले सभी किसानों को वचनबद्ध रूप से दिए जाने वाले 10 लाख रुपये की मुआवजा की मांग
किसान आंदोलन के दौरान दर्ज किए गए मामले को रद्द करने की मांग
पिछले आंदोलन में अपने प्राण गवा चुके किसानों के आश्रितों को नौकरियां
MNREG के तहत 200 दिनों की दैनिक मजदूरी मिले
प्रति दिन 700 रुपये की मजदूरी की मांग
सरकार को खुद ही फसल बीमा करना चाहिए
किसानों और श्रमिकों को 60 के बाद महीने के 10,000 रुपये मिलें
कृषि को विश्व व्यापार संगठन से बाहर निकाला जाए
अनुराग ठाकुर का कहना है कि Modi सरकार किसानों के हित में है
केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने जालंधर में कहा कि पिछले 10 वर्षों में BJP सरकार ने किसानों के हित में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं जो Congress की तुलना में हैं। किसानों की सुनी जाती है हमारी सरकार में, लेकिन इसका कुछ नहीं हुआ था Congress के समय।
Modi सरकार में, पीएम किसान सम्मान नीति के तहत किसानों के बीच 2.80 लाख करोड़ रुपये बाँटे गए हैं। हमारी सरकार ने यूरिया उर्वरक पर लगभग 3 लाख करोड़ रुपये की सब्सिडी दी है। दुनिया भर में उर्वरक के मूल्य बढ़ गए, लेकिन भारत में नहीं। अनुराग ठाकुर ने कहा कि प्रमुख पार्टियां MSP के नाम पर किसानों को उत्तेजित कर रही हैं। अनुराग ठाकुर ने सोमवार को जालंधर के BSF हेडक्वार्टर्स में आए थे।
किसानों के संघर्ष के बारे में ठाकुर ने कहा कि हमारी सरकार ने स्वामीनाथन रिपोर्ट के संबंध में भी कई कदम उठाए। Congress ने अपने कार्यकाल के दौरान कुछ नहीं किया। Congress सरकार की तुलना में हमने किसानों से दोगुना से भी अधिक मांग खरीदी और उच्च मूल्य भी दी।
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