एम के न्यूज / महेन्द्र शर्मा
Haryana सरकार ने मुख्यमंत्री सहारा कोष के तहत वित्तीय सहायता प्राप्त करने वालों को सरल पोर्टल पर आवेदन करने की सुविधा प्रदान की है। इससे यह प्रक्रिया और भी सरल और आसान हो गई है। आवश्यकता पारीवारिक चिकित्सा सहायता को मुख्यमंत्री सहारा कोष से 15 दिनों के भीतर आवेदन करने वालों को वित्तीय सहायता प्राप्त होगी। मुख्यमंत्री सहारा कोष से प्राप्त वित्तीय सहायता की राशि आवेदक या लाभार्थी के बैंक खाते में सीधे हस्तांतरित की जाएगी। आवेदक अपने परिवार की पहचान पत्र आईडी के माध्यम से सरल पोर्टल पर आवेदन कर सकते हैं। प्रक्रिया पूरी करने के लिए आवेदक वित्तीय सहायता के लिए मुख्यमंत्री सहारा कोष (CMRF) से चिकित्सा आधार पर आवेदन कर सकते हैं, अपनी चिकित्सा बिल, ओपीडी बिल आदि और अन्य संबंधित दस्तावेज़ अपलोड करके।
जिला स्तर पर समिति बनाई गई है
DC Rahul Hooda ने बताया कि योजना में की गई परिवर्तनों के अंतर्गत, यदि कोई बीमारी आयुष्मान भारत जन आरोग्य योजना के अंतर्गत नहीं आती है, तो योजना के तहत आर्थिक सहायता का लाभ उठा सकते हैं। मुख्यमंत्री सहारा कोष के तहत वित्तीय सहायता के लिए जिला स्तर पर एक समिति बनाई गई है, जिसमें संबंधित सांसद, संबंधित विधायक, जिला कमिश्नर, सिविल सर्जन, नगर परिषद और नगर निगम के अध्यक्ष, जिला पंचायत के अध्यक्ष, पंचायत समिति के अध्यक्ष शामिल हैं और नायब जिलाधिकारी को नोडल अधिकारी बनाया गया है।
यह है आवेदन प्रक्रिया
आवेदन की मंजूरी की पूरी प्रक्रिया के बारे में जानकारी देते हुए DC ने कहा कि जैसे ही आवेदक अपना वित्तीय सहायता प्राप्त करने के लिए पोर्टल पर आवेदन जमा करता है, आवेदन को एमपी, एमएलए, जिला परिषद अध्यक्ष, ब्लॉक समिति के अध्यक्ष, नगरपालिका या स्थानीय क्षेत्र के मेयर या MC द्वारा मंजूरी मिलती है। और ये सारे सार्वजनिक प्रतिनिधियाँ इसे स्वीकृति के साथ दस दिनों के भीतर DC कार्यालय भेजेंगी। इसके बाद, आवेदन को उन्हीं सार्वजनिक प्रतिनिधियों के सुझाव के साथ विधायक कार्यालय भेजा जाएगा और इन सार्वजनिक प्रतिनिधियों द्वारा उसे पाँच दिनों के भीतर DC कार्यालय में भेजा जाएगा। इसके बाद, आवेदन को जिला के तहसीलदार के पास संपत्ति की और आवेदक के चिकित्सा दस्तावेज़ की सत्यापन के लिए भेजा जाएगा।
पाँच दिनों का समय सीमा तय की गई थी
इस पूरी प्रक्रिया में, संपत्ति के सत्यापन के लिए चार दिनों की समय सीमा और सिविल सर्जन कार्यालय से संबंधित सत्यापन कार्य के लिए पाँच दिनों की समय सीमा तय की गई है। उपरोक्त दो विभागों से प्राप्त जानकारी को समिति के सदस्य सचिव को सुनिश्चित समर्थन के साथ भेजा जाएगा, जो इसे वरिष्ठ लेखा अधिकारी को भेजेगा। इसके बाद मान्यता प्राप्त होने पर राशि को सीधे लाभार्थी के खाते में भेज दी जाएगी। मुख्यमंत्री सहारा कोष से प्राप्त वित्तीय सहायता की राशि आवेदक या लाभार्थी के बैंक खाते में सीधे हस्तांतरित की जाएगी। आवेदक अगर किसी अन्य राज्य में उपचार कर रहा है और उच्चित चिकित्सा राशि को सीधे अस्पताल में स्थानांतरित करना चाहता है, तो उसे संबंधित अस्पताल के बैंकिंग विवरणों को साझा करने का भी विकल्प है।
लाभ होगा उपचार खर्च की 25 प्रतिशत, अधिकतम 1 लाख रुपए तक
मुख्यमंत्री सहारा कोष से केवल उपचार खर्च की 25 प्रतिशत राशि प्राप्त होगी, जिसका अधिकतम सीमा 1 लाख रुपए तय की गई है। आवेदक इस सुविधा का केवल एक बार वित्तीय वर्ष में उपयोग कर सकता है।