ग़ाज़ीपुर ।
भड़सर के रामलीला मंचन में राम,लक्ष्मण समेत अन्य मुख्य पात्र बनने पर मिलती है सरकारी नौकरी
रामलीला कमेटी और ग्रामीण ने कहा प्रमाण भी है कि पात्रों को मिलती है नौकरी
भड़सर गांव में 1960 से लगातार होता चला आ रहा है रामलीला का मंचन
रामलीला मंचन में पात्र नहीं बनने पर नाराज हो जाते है युवा
गाज़ीपुर के भड़सर गांव के रामलीला मंचन के मुख्य पात्र की भूमिका निभाने वाले पत्रों को सरकारी नौकरी मिलती है। ये हम नहीं बल्कि रामलीला कमेटी के सदस्य व ग्रामीण खुद बता रहे है। मान्यता है कि भड़सर रामलीला मंचन में राम लक्ष्मण के अलावा रावण, मेघनाथ कुम्भकर्ण, राजा दशरथ, राजा जनक आदि अन्य पत्रों की भूमिका निभाने वाले युवाओं को सरकारी नौकरी मिल जाती है। रामलीला कमेटी के महामंत्री धर्मेंद्र सिंह बताते है कि अभी तक जो भी रामलीला मंचन में युवा मुख्य पात्र की भूमिका निभाते है उनको सरकारी नौकरी मिली है जो प्रमाणिकता के तौर पर भी देखा जा सकता है। धर्मेंद्र बताते है कि भड़सर में पूर्वजो द्वारा 1960 से रामलीला का मंचन शुरू किया गया था। जो निर्वाध रूप से आज भी चल रहा है। इस बार कोविड महामारी के प्रोटोकॉल का तहत रामलीला का मंचन कराया जा रहा है। हर साल की अपेक्ष इस बार कम भीड़ हो रही है। ग्रामीण बताते है कि यहां पर रामलीला मंचन में राम, लक्ष्मण समेत अन्य पात्रों के लिए भीड़ इक्क्ठा होती है। हर कोई रामलीला मंचन में मुख्य पात्र बनने के लिए जोर आजमाइश करता रहता है। बहुत से लोग रामलीला मंचन के पात्र के लिए नाराज भी हो जाते है। रामलीला कमेटी द्वारा मंचन से पहले सभी पात्रों का स्क्रीनिंग टेस्ट किया जाता है और जो जिस पात्र के लिए सटीक बैठता है उसको वो रोल प्ले करना होता है। यहां की रामलीला मंचन में गंगा जमुनी तहजीब भी देखने को मिलती है। यहां पर हिन्दू-मुस्लिम समुदाय के लोग भी मंचन में हिस्सेदारी करते है।