ग़ाज़ीपुर ।
13 साल बाद आया कोर्ट का फैसला, दोस्त ने की थी दोस्त की हत्या
चर्चित हत्याकांड में आरोपी विशाल को आजीवन कारावास के साथ 5 लाख का अर्थदंड
कोर्ट ने मृतक की मां को 4 लाख देने या सुनाया फैसला
15 जनवरी 2008 को मृतक अखिलेश दुबे का खेत मे मिला शव
दोस्त विशाल यादव पर लगा था हत्या का आरोप, 13 बाद कोर्ट से मिली सजा
करंडा थाना इलाके के करंडा गांव का था मामला
गाजीपुर अपर सत्र न्यायाधीश फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट द्वितीय दुर्गेश की अदालत ने आज करण्डा के बहुचर्चित अखिलेश कुमार दुबे हत्या कांड के अभियुक्त विशाल यादव को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही 5 लाख रुपये के अर्थदंड से दण्डित किया है और अर्थदंड की धनराशि से 4 लाख रुपया मृतक के माता को देने का आदेश हुआ है। अभियोजन अखिलेश सिंह ने बताया कि के करण्डा थाना करण्डा गांव के अमरनाथ दुबे ने करण्डा थाना में तहरीर दिया कि 15 जनवरी 2008 को शाम 6 बजे उनका लड़का अखिलेश कुमार दुबे घर से शौच के लिए मशीन पर गया था। शौच करके घर नही लौटा। तो परिजन इधर उधर ढूढने लगा। जब अखिलेश नही मिला। लेकिन दूसरे दिन सुबह गांव के ही खेत मे अमरनाथ दूबे के पुत्र की लाश मिली थी। तहरीर में मृतक अखिलेश और विशाल यादव का अच्छा मित्र थे दोनो साथ साथ रहते थे। वादी के तहरीर पर थाना में मुकदमा दर्ज हुआ और पुलिस विवेचना के दौरान बट्टन उर्फ रणविजय सिंह का नाम प्रकाश में आया दोनो आरोपियो के विरुद्ध पुलिस ने न्यायालय में आरोप पत्र प्रेषित किया दौरान विचारण अभियोजन की तरफ से सहायक शासकीय अधिवक्ता अखिलेश सिंह ने कुल 8 गवाहों के पेश किया । सभी ने अपना अपना बयान न्यायालय में दर्ज कराया दोनो तरफ की बहस सुनने के बाद न्यायालय ने बट्टन उर्फ रणविजय सिंह को संदेह का लाभ देते हुए दोषमुक्त कर दिया। वही विशाल यादव को दोषी पाते हुए उपरोक्त सजा सुनाई है।