ग़ाज़ीपुर।
बीमार या रोगी के स्वास्थ्य के लिए एक डॉक्टर की भूमिका महत्वपूर्ण है लेकिन हेल्थ सेक्टर में डॉक्टर के साथ ही नर्स भी अहम रोल निभाती हैं।
कोरोना काल में डॉक्टर और नर्स कोरोना वॉरियर्स या योद्धा कहलाएं।
उस दौरान डॉक्टरों से साथ ही नर्सेस ने दिन रात लोगों की सेवा की। उनकी इसी सेवाभाव को सम्मान देने के लिए सालों से हर साल मई में नर्स दिवस मनाया जाता है। 12 को मई अंतर्राष्ट्रीय नर्स दिवस मनाया जाता है। इसी क्रम में जिला महिला चिकित्सालय में मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. आनंद मिश्रा एवं महिला जिला चिकित्सालय के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. के.के. सिंह एवं डॉ. नीरज ने केक काटकर स्टाफ नर्स को नर्सेज डे की बधाई एवं शुभकामनाएं दी।
वही जिला पुरुष चिकित्सालय गोरा बाजार मैं भी नर्सेज डे के अवसर पर केक काटकर स्टाफ नर्सों को इस दिवस की बधाई एवं शुभकामनाएं मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. राजेश सिंह, डॉ. सतीश कुमार अन्य ने दिया ।
वही सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रेवतीपुर में कार्यरत स्टाफ नर्स रीता देवी को नर्सेज डे की बधाई देने के लिए वहां के स्टाफ कार्यकर्ताओं ने स्टाफ नर्स रीता देवी से केक कटवा कर सेलिब्रेट किया और एक दूसरे को केक खिलाकर बधाइयां दी।
मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. आनंद मिश्रा ने बताया कि इस दिन को मनाने की शुरुआत 1974 से ही हुई थी। मशहूर नर्स फ्लोरेंस नाइटिंगेल के जन्म दिवस यानी 12 मई को अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस के रूप में मनाया जाता है। फ्लोरेंस नर्स के साथ-साथ एक समाज सुधारक भी थी। क्रीमियन युद्ध के दौरान नर्सों ने जिस तरह से काम किया था वह वाकई सराहनीय था। उन्हें द लेडी विद द लैंप कहा गया क्योंकि वो घायल सैनिकों की देखभाल के लिए रात में घूमती थी।
फ्लोरेंस नाइटिंगेल ने नर्सिंग को महिलाओं के लिए एक पेशे के रूप में बदल दिया।
इस मौके पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रेवतीपुर पर बीपीएम बबीता सिंह, स्टाफ नर्स रीता देवी, एएनएम शैलजा राय, शैलेश राय, आशुतोष सिंह, अभिषेक उपाध्याय, अनीश कुमार, सुनील कुमार आदि मौजूद रहे।