गाजीपुर ।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर एंबुलेंस 108 और 102 से जुड़ा बड़ा फर्जीवाड़ा प्रकाश में आया है। इनमें फर्जी घायलों, मरीजों और गर्भवती महिलाओं के नाम पर जमकर घोटाला किया गया।
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी भी एम्बुलेंस से ढोये गये मरीज और स्वास्थ्य केंद्र पर इलाज किये गये मरीजों के आंकड़ों को खंगालने में जुट गए हैं।
मरीजों को आरामदायक निःशुल्क स्वास्थ्य केंद्र तक पहुचाने के लिए एम्बुलेंस सेवा प्रदाता कंपनी लक्ष्य पूरा करने के लिए मरीजों को पीएचसी , सीएचसी समेत हायर सेंटर पहुंचाती हैं। इसके एवज सरकार से भुगतान लिया जा रहा है।
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार सैदपुर क्षेत्र में 108 की आठ एंबुलेंस और 102 की 11 एंबुलेस सहित जिले भर में कुल 79 एम्बुलेंस संचालित हैं। ये पीएचसी, सीएचसी से मरीजों को हायर सेंटर भेजने के लिए इस्तेमाल में आती हैं।
एम्बुलेंस सेवा प्रदाता कंपनी को भुगतान का आधार एंबुलेंस के जरिए अस्पताल पहुंचाए मरीजों की संख्या पर आधारित है। एंबुलेंस 102 और 108 काफी समय से मरीजों, घायलों और प्रसूताओं के नाम फर्जी पीसीआर में भरकर सरकार से भुगतान प्राप्त कर रही है।
महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने एंबुलेंस सेवा प्रदाता कंपनी से फरवरी, मार्च व अप्रैल के आंकड़ों का मरीजों, घायलों और प्रसूताओं के पीसीआर में दर्ज आधार कार्ड नंबर के साथ मोबाइल नंबर का मिलान कराने के आदेश दिए हैैं। लंबे समय से एम्बुलेंस चालकों की मनमानी, अवैध धन वसूली और निजी हॉस्पिटलों में मरीजों के भेजने की शिकायत मिलती रहती है। एंबुलेंस सेवा प्रदाता कंपनी से मरीजों, घायलों और प्रसूताओं के पीसीआर में दर्ज आधार कार्ड नंबर के साथ मोबाइल नंबर का मिलान कराने के आदेश दिए गये हैं।
आदेश मिलने के बाद जांच शुरू कर दी गई है। कई बार मरीज का फोन नम्बर गलत और निजी हॉस्पिटल की सेवा लेने से आंकड़े गड़बड़ा जाता है। कार्यो की शिथिलता और लापरवाही पर कुछ कर्मचारी हटाए भी गए है। इनके बावजूद आंकड़ों को संकलित कर स्वास्थ्य विभाग को उपलब्ध कराया जा रहा है ।