ग़ाज़ीपुर ।
मऊ के तमसा घाट से काशी के अस्सी घाट तक करेंगे पैदल जनजागरण।
31 मई से 3 जून तक पैदल चलकर लोगों को करेंगे जागरूक, गाज़ीपुर में आज दूसरा दिन।
विलासिता विकास का पर्याय बन गयी है और इसकी वजह है हमारी जीवन शैली , पर्यावरण सुरक्षा और ग्लोबल वार्मिंग के साथ स्वच्छता संदेश को जन जागरण बनाकर बलिया में सामाजिक शिक्षा क्षेत्र में कार्यरत शैलेन्द्र और उनके सहयोगियों ने मऊ के तमसा घाट से वाराणसी के अस्सी घाट तक की 120 किलोमीटर की जनजागरण यात्रा पर निकले हैं , स्वच्छता के प्रति गम्भीर और प्रदूषित पर्यावरण के लिए चिंतित ये समाजसेवी आज बुधवार 1 जून को अपनी यात्रा के दूसरे दिन गाज़ीपुर पहुँचे , और लोगों से पर्यावरण जागरूकता और स्वच्छता का संदेश देते हुए ये दल वाराणसी की तरफ कदमताल बढ़ाए चला जा रहा है।
बातों के दौरान पैदल दल की अगुवाई कर रहे शैलेन्द्र सिंह, सामाजिक शिक्षा के सरकारी टीचर भी हैं और इनके साथ इनके सभी सहयोगी भी शिक्षा क्षेत्र से ही जुड़े हुए हैं।
शैलेन्द्र ने बताया कि नमामि गंगे प्रोजेक्ट से भी हम जुड़े हुए हैं , और प्रधानमंत्री जी के 5 सितंबर 2020 के मन की बात कार्यक्रम में उनकी पर्यावरण पर बात सुनकर हम काफी प्रभावित हैं, हम लोगो ने नमामि गंगे का गहन अध्ययन भी किया है, गंगा को निर्मल अविरल बनाने की ये मुहिम तब तक सफल नहीं हो सकती , जब तक गंगा में मिलने वाली जो सहायक नदियां हैं वो स्वच्छ न हो जाएं, उन्होंने बताया कि श्रीराम जी विवाहोपरांत मऊ के दोहरीघाट पर तमसा नदी के किनारे ही पहली रात गुजारे थे, जो बक्सर में जाकर गंगा जी मिलती है, वो काफी प्रदूषित हो चुकी है , अतः ऐसे में जब तक सहायक नदियां जो गंगा में मिलती हैं उन्हें भी साफ़ करना पड़ेगा नहीं तो नमामि गंगे अधूरा मिशन रहेगा।
उन्होंने बताया कि वे जीवन पर्यंत इस मुहिम को साथियों के साथ चलते रहेंगे, उन्होंने कहा कि हम लोग गर्मी और सर्दी की छुट्टियों में इस अभियान को और तेज़ करते हैं और इसमें बच्चों और युवाओं को ज्यादा करके जोड़ते है क्योंकि वही भविष्य हैं।