गाज़ीपुर।
व्यापारियों ने आटा, मैदा, बेसन, दूध, दही, पेपर, पेंसिल, एलईडी लाईट सहित विभिन्न वस्तुओं में जीएसटी वृद्धि का कड़ा विरोध जताया।
उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल ने जिला प्रशासन को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को संबोधित पत्र सौंपा।
जिले के व्यापारियों ने मीडिया को बताया कि जीएसटी वृद्धि का उत्तर प्रदेश के ढाई करोड़ व्यापारी कड़ा विरोध कर रहे है उन्होंने कहा कि 25 किग्रा. वजन के सिंगल पैकिंग और लेविल वाले अनब्रांडेड वस्तुओं पर 18 जुलाई से 5 प्रतिशत जीएसटी लागू किया गया है। इससे दाल, चावल, आटा, दूध, दही समेत समेत खाद्य वस्तुओं की कीमतों में 2 से 5 रुपये प्रति किलो बढ़ोत्तरी हो गयी है।
जिलाध्यक्ष अबु फखर खान ने कहा कि 1, 5, 10 और 25 किलो के ब्रांडेड उत्पादनों पर जीएसटी लागू की गयी है जो उचित नहीं है। डेरी कम्पनियों के पैक्ड फूड आइटम दूध, दही आदि पर भी जीएसटी की दरें बढ़ाई गयी हैं, जो नितांत अनुचित है। ब्लैड, पेपर, कैंची, पेंसिल, शार्पनर, चम्मच, कांटे वाली चम्मच आदि कई वस्तुओं पर भी जीएसटी बढ़ा दिया गया है पहले जीएसटी 12 प्रतिशत था अब इसे 18 प्रतिशत कर दिया गया है। इससे बच्चों के पढ़ाई पर प्रतिकूल असर पड़ेगा।
महामंत्री श्रीप्रकाश केशरी ने कहा कि सोलर वाटर हीटर पर पहले जीएसटी 5 प्रतिशत थी अब 12 प्रतिशत कर दी गयी है। होटल में 1 हजार रुपये तक कमरे अभी तक जीएसटी के दायरे से बाहर थे अब इन पर 12 प्रतिशत जीएसटी देना होगा। इसका प्रभाव गरीब लोगों के जेब पर पड़ेगा क्योंकि 1 हजार रुपये से कम किराये के कमरे कम आय वाले लोग ही लेते हैं। एलईडी लाईट पर 18 प्रतिशत जीएसटी लागू किया गया है। यह करके आपने घरों की रोशनी छीनने का काम किया है।
आजादी के बाद से लेकर आज तक 75 वर्षों में खाद्य पदार्थों पर पहली बार जीएसटी लागू की गयी है। पैकिंग में बिकने वाला आटा, दूध, दही, चावल सभी कुछ महंगा हो गया है। जीएसटी की बढ़ायी गयी दरों से आम आदमी किसान हो या मजदूर, व्यापारी हो या वकील, छात्र हो या अध्यापक, विधायक हो या सांसद, महिला या पुरुष सभी पर इसका खराब असर पड़ेगा।
इसका सीधा भार भारत की 90 प्रतिशत जनता पर पड़ेगा। हम इस वृद्धि की कड़े शब्दों में निंदा करते है। जिला अध्यक्ष अबू फखर खां ने सरकार से अनुरोध किया है कि जीएसटी वृद्धि पर पुर्नविचार कर इसे तत्काल वापस लिया जाये।