गाज़ीपुर ।
उच्च न्यायालय द्वारा मऊ के पूर्व विधायक और बांदा जेल में बंद मुख्तार अंसारी को आखिरकार उच्च न्यायालय में जेलर को धमकाने के मामले में 7 साल की सजा सुना दी ।
इसका असर अंसारी और उनके परिवार पर क्या पड़ा इसकी प्रतिक्रिया तो नहीं आई लेकिन उनके गृह जनपद से उनके धुर विरोधी और जिनकी हत्या का इल्जाम मुख्तार अंसारी के दर पर है मोहम्मदाबाद के स्वर्गीय विधायक कृष्णानंद राय के परिजनों ने मुख्तार अंसारी को मिली सजा पर संतोष व्यक्त करते हुए कहां की अदालत ने इंसाफ किया है ।
भारतीय जनता पार्टी के मोहम्मदाबाद से विधायक रहे कृष्णानंद राय की 2005 में हत्या कर दी गई थी , जिसमें विधायक के साथ 7 लोगों की मौत हुई थी इसका इल्जाम मऊ के तत्कालीन विधायक मुख्तार अंसारी पर लगा था और वह केस 2005 से अदालतों के सुनवाई के बाद फैसला मुख्तार अंसारी के पक्ष में आ गया था , जिसके बाद स्व. कृष्णानंद राय का परिवार उच्च न्यायालय की शरण में है ।
यूं तो मोख्तार अंसारी साल् 2005 से जेल में बंद हैं और उनके ऊपर चार दर्जन से अधिक आपराधिक मुकदमें विभिन्न जिलों की अदालतों में चल रहे हैं , जबकि उनके ऊपर 2 सौ करोड़ रुपए से ज्यादा की चल अचल संपत्ति की कुर्की और असलहों की जब्ती कार्यवाही भी हो चुकी है , लेकिन आपराधिक मामले में पहली बार किसी केस में उनको सज़ा सुनाई गई है।
स्व. कृष्णानंद राय के बेटे पीयूष राय ने आज पत्रकारो से बात करते हुए अपने पिता सहित सात लोगों की हत्या मामले में मोख्तार अंसारी के लोअर कोर्ट से बरी होने के बाद उच्च न्यायालय से गुहार लगा रखी है और उन्हें उस पर पूरा भरोसा है , पीयूष ने तत्कालीन समाजवादी पार्टी पर् ठीकरा फोड़ते हुए कहा कि सपा सरकार में उस हत्याकांड के गवाहों को प्रभावित किया गया , और सपा सरकार में ही गवाही हुई थी जबकि उसी आधार पर फैसला 2019 में आया था , हम लोगो को उच्च न्यायालय पर् भरोसा है कि हमारे केस में भी फैसला निष्पक्ष आएगा और दोषियों को ऐसे ही सज़ा मिलेगी ।
उन्होंने मोख्तार अंसारी के मऊ पेशी के दौरान आए बयान की बोलना मना है पर् अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि अब उनके सारे कृत्य बंद हो चुके हैं , योगी सरकार में करवाई के चलते उनके सभी अनधिकृत कार्य बंद हैं।