गाज़ीपुर ।
मंगई नदी में शारदा सहायक नहर का पानी छोड़े जाने से इस वर्ष भी किसानों की धड़कन तेज गति से बढ़ने लगी है ।
विगत 25 वर्षों से मंगई नदी में शारदा सहायक नहर का पानी छोड़े जाने से मोहम्मदाबाद के हाटा से सोनवानी मंगई नदी के तटवर्ती खेतों में बुवाई के समय शासन और प्रशासन के अप्रबंधन का खामियाजा इस क्षेत्र के किसान विगत 25 वर्षों से उठा रहे हैं ।
अक्सर बुवाई के समय मंगई नदी में शारदा सहायक नहर का पानी छोड़ दिया जाता है , देर से बुवाई होने के कारण किसान घाटे की खेती करने के लिए विवश है , किसान अपना खेत परति छोड़ नहीं सकता और देर से किया गया बुवाई घाटे में बदल जाता है , किसान का लागत मूल्य भी नहीं निकल पाता है ।
मंगई नदी की समस्या इस क्षेत्र की सबसे बड़ी समस्या है हजारों किसान परिवार इस समस्या के कारण बैंक और साधन सहकारी समिति के कर्ज के जाल में फंस चुके हैं , क्षेत्र के कृषि मजदूर भी पलायन को विवश हो गए हैं ।
इस वर्ष 2022 में मंगई नदी के तटबंध बांधने का काम शुरू हुआ , लेकिन वह पूर्ण नहीं हुआ किसानों की मांग मंगई नदी के खुदाई की थी , लेकिन तटबंध बांधने से भी किसानों को बहुत बड़ा राहत मिल रहा था लेकिन तो बंद बांधने का काम भी पूरा नहीं हुआ , जिससे किसानों में घोर निराशा है
वहीं स्थानीय किसानों की मांग है कि तटबंध का काम पूरा होने के बाद नदी के नीचे भी खुदाई कराया जाए जिससे पानी का बहाव सही तरीके से हो सके मंगई नदी काफी उथली हो गई है ।
इसके साथ ही राजापुर एवं परसा पुलिया काफी पुरानी एवं पानी के बहाव में अवरोध पैदा कर रही है मंगई नदी में एक नई समस्या जलकुंभी की हो गई है जिसका प्रमुख कारण नदी के बहाव को रोकना है ।
राजापुर के जागरूक किसानों द्वारा मंगई नदी के जलस्तर में बढ़ाव को देखते हुए बड़ी संख्या में किसान नदी का निरीक्षण करने निकले तो रामपुर के पास मंगई नदी को बैरिकेड कर अवैधानिक तरीके से मछली मारने का काम किया जा रहा था , जिससे पानी का बहाव ही रुक रहा था । किसानों ने अतिक्रमण को साफ करने हेतु पानी में उतर गए और अतिक्रमण हटाया जिसमें प्रमुख रुप से मृत्युंजय कुमार राय , बुल्लू राय , कृष्ण गोपाल राय , चंद्रभूषण राय , मुन्ना राय , सरोज राय , हरेंद्र प्रसाद राय , झब्बर राय , बब्बन राय , आनंद राय , अक्षय राय , अरविंद राय आदि किसान मौजूद रहे ।