गाजीपुर । जिला चिकित्सालय में चिकित्सक की कमी का हवाला देकर लगातार करोड़ों की लागत से बने जिला अस्पताल के विभिन्न जांच वाले विभागो मे मरीजो से वसूली की घिनौनी वारदाते बढती जा रही है. जिला अस्पताल मे हर समय 50 से अधिक महिला व पुरूष दलालो का जमावडा इस बात को बल देता है है कि जिले के आला अफसरों व जनप्रतिनिधियों का उन्हे कोई खौफ नही है ।
गाजीपुर जिला अस्पताल को लाखों-करोड़ों रुपए खर्च करके बनाया गया हर सुविधा मुहैया कराया गया यहां तक कि यहां ऑक्सीजन प्लांट में करोड़ों रुपया खर्च किया गया ताकि लोगों की जान बच सके जिला अस्पताल में बिजली के लिए लाखों रुपए खर्च करके जनरेटर लगाया गया ताकि बिजली की कमी न हो हर सुविधा मौजूद है जिला अस्पताल में लेकिन कमी है तो सिर्फ सिस्टम की कभी यहां डॉक्टर मौजूद नहीं रहते तो कभी बिजली नहीं रहती ए घटना लगातार आए दिन बनी रहती है आपको बता दें कि जिला अस्पताल में आज दिन बुधवार 12:00 बजे किसी कारण से बिजली गुल हो गई सैकड़ों मरीज परेशान हो रहे थे इमरजेंसी मरीजों का जांच करने के लिए भी बिजली पर्याप्त नहीं थी
आपको बता दें कि एसआई कमलेश तिवारी ड्यूटी पर तैनात थे अचानक उनकी तबीयत खराब हो गई और उन्हें जिला अस्पताल इमरजेंसी में लाया गया जहां उनको डॉक्टर ने सीटी स्कैन केंद्र में जांच के लिए भेज दिया ताकि जांच करके अच्छे से उनका इलाज किया जाए लेकिन जब सीटी स्कैन केंद्र में लाया गया एसआई कमलेश तिवारी को तो आप वीडियो में देख सकते हैं कि उस समय सदर हॉस्पिटल की बिजली गुल हो गई थी और उनको वापस ले जाना पड़ा इमरजेंसी में और जब फिर बिजली आई तो उनको वापस लाया गया ।
इसी तरह से 2 महीने पहले एक वरिष्ठ पत्रकार गुलाब राय की बिजली नहीं होने के कारण उनको अपनी जान गवानी पड़ी उस दुखद घटना से भी प्रशासन ने सबक नही लिया ।
अस्पताल मे विजली चले जाने पर जनरेटर संचालित करने वालो की हठधर्मिता व हजारो के डीजल चोरी के खेल को लेकर भी पूर्व मे खबर प्रकाश मे आयी थी लेकिन मामला रफा दफा कर दिया गया.जब मीडिया की टीम मुख्य चिकित्सा अधिकारी से बात करनी चाही तो उनसे बात नहीं हो पाई अब ये देखना है कि शासन प्रशासन इस घटना को लेकर कर्मचारियों और अधिकारियों पर क्या कार्रवाई करती है । जवकि एक्सरे, खून व एम आर आई सहित अन्य जाच से जुड़े विभागो पर दलालो की भीड का संज्ञान नही लिया गया तो भगवान ही यहा जान बचा सकते है।।