पश्चिम बंगाल के ग्रामीण चुनावों में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने भारी जीत दर्ज की है। राज्य में सत्तारूढ़ टीएमसी ने सभी 20 जिला परिषदों पर कब्जा कर अपने प्रतिद्वंद्वियों को काफी पीछे छोड़ दिया। राज्य चुनाव आयोग द्वारा घोषित परिणामों के मुताबिक, टीएमसी ने त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में सभी 20 जिला परिषदों में सीधे 880 सीटें जीतीं, जबकि निकटतम प्रतिद्वंद्वी भाजपा 928 सीटों में से सिर्फ 31 सीटें जीत सकी। कांग्रेस-वाम मोर्चा गठबंधन ने 15 सीटों पर जीत दर्ज की, जबकि दो सीटें अन्य के खाते में गईं।
इसके अलावा टीएमसी ने 63,219 ग्राम पंचायत सीटों में से 35,000 से अधिक सीटों पर जीत हासिल की है। हालांकि, अभी आधिकारिक नजीते घोषित नहीं किए गए हैं। भाजपा ने लगभग 10,000 ग्राम पंचायत सीटों पर जीत दर्ज की है। जबकि लेफ्ट-कांग्रेस गठबंधन ने 6,000 से अधिक सीटें जीतीं।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, टीएमसी ने बिना हिंसा का सहारा लिए ग्रामीण चुनावों में बड़ी जीत हासिल करने का लक्ष्य रखा था, जिससे पार्टी को 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले अपने ग्रामीण आधार को मजबूत करने में मदद मिल सके। साथ ही इसके जरिए भ्रमित शहरी मतदाताओं को भी आश्वस्त करना था। पार्टी अपने इस लक्ष्य में काफी हद तक सफल भी दिख रही है।
2019 के आम चुनावों में भाजपा ने टीएमसी को कड़ी टक्कर दी थी। जिससे लोकसभा में उसकी सीटें घटकर सिर्फ 22 रह गईं। भाजपा को भारी फायदा हुआ था और वह 18 लोकसभा सीटें जीतने में कामयाब रही। हालांकि, 2021 के विधानसभा चुनावों में भाजपा ने बंगाल की सत्ता पर काबिज होने की हरसंभव कोशिश की, लेकिन वह अपने मकसद में असफल रही। टीएमसी भाजपा को सिर्फ 77 विधानसभा सीटों तक सीमित रखने में सक्षम रही और 294 सदस्यीय विधानसभा में 215 सीटें जीतकर भारी जनादेश हासिल किया।