सुप्रीम कोर्ट दिल्ली आबकारी नीति घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई करेगा। जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी की पीठ दिल्ली हाईकोर्ट के अलग-अलग आदेशों को चुनौती देने वाली उनकी याचिकाओं पर सुनवाई करेगी। हाईकोर्ट ने सिसोदिया को इन मामलों में जमानत देने से इन्कार कर दिया था।
सीजेआई जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ ने 10 जुलाई को सिसोदिया की अपील सुनने पर सहमति जताई थी। सिसोदिया के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कोर्ट को बताया था कि आप नेता की पत्नी गंभीर रूप से बीमार हैं और अस्पताल में भर्ती हैं। उन्होंने सिसोदिया की अपील पर सुनवाई का आग्रह किया था। सिसेादिया को सीबीआई ने 26 फरवरी को गिरफ्तार किया था। उसके बाद ईडी ने मामले में जांच शुरू की और 9 मार्च को सिसोदिया को गिरफ्तार किया। तब से सिसोदिया तिहाड़ में हैं।
CBI के पूरक आरोप पत्र में मनीष सिसोदिया का भी नाम
बता दें, सीबीआई ने दिल्ली आबकारी नीति मामले में गुरुवार को पांच आरोपियों के खिलाफ पूरक आरोप पत्र दायर किया। अधिकारियों ने बताया कि दायर पूरक आरोप पत्र में पांच आरोपियों में से एक पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया भी आरोपी हैं। उन्होंने कहा कि यह मामले में दूसरा पूरक आरोप पत्र है। दिल्ली की विशेष अदालत में दायर पूरक आरोप पत्र में सीबीआई द्वारा नामित पांच लोगों में चैरियट प्रोडक्शंस मीडिया प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक राजेश जोशी और उनके कर्मचारी दामोदर प्रसाद शर्मा और प्रिंस कुमार के नाम शामिल हैं। साथ ही सीबीआई ने आरोप पत्र में अरविंद कुमार सिंह और आम आदमी पार्टी (आप) के चनप्रीत सिंह को भी नामित किया है।