आयकर विभाग को अपने आवास का पता नहीं देने और रिटर्न नहीं भरने वाले उत्तर प्रदेश के 16 हजार से ज्यादा प्रवासी भारतीयों के पैन कार्ड निष्क्रिय कर दिए गए हैं। आयकर विभाग ने मंगलवार को ट्वीट कर इसकी जानकारी दी थी। हालांकि यह प्रवासी भारतीय रिटर्न दाखिल कर सकेंगे।
आयकर विभाग ने कहा कि जिन प्रवासी भारतीयों ने तीन वर्ष से आयकर रिटर्न दाखिल नहीं किया है या संबंधित आयकर निर्धारण अधिकारी को अपनी नवीनतम आवासीय स्थिति के बारे में सूचित नहीं किया है, उन सभी के पैन निष्क्रिय हो गए हैं।
इस संबंध में भारतीय चार्टर्ड एकाउंटेंट संस्थान के सेंट्रल इंडिया रीजनल काउंसिल के पूर्व चेयरमैन सीए विवेक खन्ना ने बताया कि प्रवासी भारतीयों के लिए पैन को आधार से लिंक कराना अनिवार्य नहीं है। जिन प्रवासी भारतीयों (एनआरआई) और विदेशी नागरिकों का पैन (स्थायी खाता संख्या) आधार से जुड़ा नहीं होने के कारण निष्क्रिय हो गया है, उन्हें इसे सक्रिय कराने के लिए आयकर अधिकारी को आवास का प्रमाण देना होगा।
विवेक खन्ना ने बताया कि निष्क्रिय पैन का मतलब यह नहीं है कि उन्हें ब्लॉक कर दिया गया है। पैन निष्क्रिय होने के बावजूद वह आयकर रिटर्न दाखिल कर सकते हैं। निष्क्रिय पैन पर रिफंड और रिफंड पर ब्याज जारी नहीं किया जाएगा। निष्क्रिय पैन के लिए उच्च दर पर टीडीएस कटौती की जाएगी।
प्रदेश में रह रहे छह लाख प्रवासी भारतीयों के परिवार
प्रदेश में करीब छह लाख प्रवासी भारतीय हैं, जिनके परिवार यहां रह रहे हैं। इनमें से अधिकांश अपना आयकर रिटर्न प्रदेश के आवासीय पते से दाखिल करते हैं। अप्रवासी भारतीयों को निवेश के लिए ज्यादा से ज्यादा आकर्षित करने के लिए प्रदेश सरकार ने अलग से एनआरआई विभाग बनाया है। प्रवासी और विदेशी निवेशकों को अधिकतम सुविधाएं देने के लिए अलग से नीति लाने की तैयारी भी की जा रही है।