मणिपुर में दो महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। ये घटना चार मई की है। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद से संसद से सड़क तक हंगामा हो रहा है। उधर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ-साथ सुप्रीम कोर्ट ने भी इस मामले में तीखी प्रतिक्रिया दी है।
सवाल ये है कि आखिर महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाने वालों के साथ अब तक क्या-क्या हुआ? कितने आरोपी अब तक पुलिस की गिरफ्त में आ चुके हैं? पुलिस क्या कर रही है?
पहले जानिए अब तक क्या-क्या हुआ?
यह घटना मणिपुर की राजधानी इंफाल से लगभग 35 किलोमीटर दूर कांगपोकपी जिले के गांव बी. फीनोम की है। ग्राम प्रधान द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के मुताबिक, चार मई को शाम लगभग तीन बजे 900-1000 की संख्या में कई संगठनों से जुड़े लोग बी. फीनोम गांव में जबरदस्ती घुस आए। इनके पास एके-47 राइफल्स, एसएल.आर इंसास और 303 राइफल्स जैसे अत्याधुनिक हथियार थे। हिंसक भीड़ ने सभी घरों में तोड़फोड़ की और फर्नीचर, इलेक्ट्रॉनिक सामान, बर्तन, कपड़े, अनाज सहित नकदी को लूटने के बाद सभी चल संपत्तियों को आग के हवाले कर दिया।
इसके अलावा पांच ग्रामीण अपनी जान बचाने के लिए जंगल की ओर भाग गए। बाद में उन्हें नॉनपाक सेकमाई पुलिस टीम द्वारा बचाया गया और वे नोंगनोक सेकमाई थाने के रास्ते में थे। इस बीच उन्हें रास्ते में भीड़ ने रोक दिया और नोंगपोक सेकमाई थाने से लगभग दो किलोमीटर दूर और 33 एआर सोमरेई चौकी से लगभग तीन किलोमीटर दूर भीड़ ने उन्हें पुलिस टीम की सुरक्षा से छीन लिया। इसके अलावा एक 56 साल के व्यक्ति की घटनास्थल पर ही हत्या कर दी गई।
प्रधान ने बताया कि इसी दौरान भीड़ द्वारा तीन महिलाओं को उनके कपड़े उतारने के लिए मजबूर किया गया और भीड़ के सामने निर्वस्त्र कर दिया गया। घटना से जुड़े वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि पुरुष असहाय महिलाओं के साथ लगातार छेड़छाड़ कर रहे हैं, जो रो रही हैं और उनसे छोड़ने की गुहार लगा रही हैं। हैवानियत यहीं सीमित नहीं रही, एक 21 साल की लड़की का दिन दहाड़े बेरहमी से सामूहिक दुष्कर्म किया गया। जब 19 वर्षीय छोटे भाई ने अपनी बहन की अस्मिता और जान बचाने की कोशिश की, तो भीड़ में शामिल लोगों ने उसकी मौके पर ही हत्या कर दी। हालांकि, पीड़िता कुछ लोगों की मदद से मौके से भागने में सफल रहीं।
घटना के एक महीने से अधिक समय बाद 21 जून को एफआईआर दर्ज की गई थी। मामला आईपीसी की धारा 153ए, 398, 427, 436, 448, 302, 354, 364, 326, 376 और 34 और शस्त्र अधिनियम की धारा 25(1सी) के तहत दर्ज किया गया। पुलिस द्वारा दर्ज इस एफआईआर में भीड़ में शामिल करीब 1,000 लोगों पर कई आरोप लगाए गए हैं।
इसमें विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना, घातक हथियार के साथ डकैती करना, आग लगाना, घर में जबरन घुसना, हत्या के लिए अपहरण करना, क्षति पहुंचाना, दुष्कर्म, हमला, गंभीर चोट पहुंचाना और आग्नेयास्त्र का उपयोग करके एक इरादे से हत्या करना।
इसका वीडियो 19 जुलाई को सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो पूरे देश में सनसनी मच गई। प्रधानमंत्री ने संसद सत्र शुरू होने से पहले मीडिया के सामने इस घटना की निंदा की। उन्होंने दोषियों पर सख्त कार्रवाई की बात कही। सुप्रीम कोर्ट ने भी केंद्र और राज्य सरकार को कड़ी चेतावनी दी। कहा कि अगर जल्द कार्रवाई नहीं होती है तो कोर्ट खुद कदम उठाएगा। विपक्ष संसद के अंदर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस मुद्दे पर बयान देने के लिए मांग कर रहे हैं।
महिलाओं को नग्न करके घुमाने वालों के साथ क्या हुआ?
महिलाओं को नग्न करके घुमाने के मामले में अब तक पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। मुख्य आरोपी भी पुलिस की हिरासत में है। आरोपी की पहचान 32 वर्षीय हुइरेम हेरोदास मैतेई के रूप हुई है जो पेची अवांग लीकाई का रहने वाला है। फुटेल और पूछताछ के आधार पर पुलिस अन्य आरोपियों की पहनचान करने और उन्हें गिरफ्तार करने की कोशिश में जुटी है। पुलिस ने चारों आरोपियों को पूछताछ करने के बाद जेल भेज दिया है। पूछताछ के आधार पर अब कई अन्य आरोपियों की शिनाख्त जारी है।
मणिपुर पुलिस के एक अफसर ने ‘अमर उजाला डॉट कॉम’ को बताया कि भीड़ अधिक थी। ऐसे में सभी को पकड़ना मुश्किल है। उन लोगों की तलाश की जा रही है जो इस भीड़ का नेतृत्व कर रहे थे और जिन लोगों ने महिलाओं के साथ गलत किया। ऐसे आरोपियों को तलाशने के लिए सर्च अभियान शुरू हो चुका है। चूंकि इस वक्त जातीय हिंसा अधिक है, इसलिए बहुत संभलकर पुलिस एक-एक कदम रखने की कोशिश कर रही है। उन्होंने ये भी बताया कि हम चाहते हैं कि जो आरोपी पकड़े जाएं, उनके खिलाफ पर्याप्त सबूत और साक्ष्य भी हमारे पास रहे। ताकि उन्हें सख्त से सख्त सजा दिलाई जा सके।
महिलाओं की भीड़ ने आरोपी का घर फूंका
उधर, महिलाओं की भीड़ ने मुख्य आरोपी हुइरेम हेरोदास मैतेई का घर फूंक दिया। इसके अलावा वायरल वीडियो को रिकॉर्ड करने वाला अन्य आरोपी युमलेम्बम जीवन भी पुलिस की गिरफ्त में आ चुका है। उसे पुलिस ने नोंगपोक सेकमाई स्थित उसके घर से गिरफ्तार कर लिया।
उधर, महिलाओं के एक संगठन ने कांगपोकपी जिले के चम्फाई उपखंड के लेकोप गांव में धरना दिया। इस संगठन ने सभी दोषियों पर कार्रवाई की मांग करते हुए पुलिस और सरकार को 48 घंटे का समय दिया है। बैठक में महिलाओं के खिलाफ इस तरह के जघन्य अपराध में शामिल होने के लिए मुख्य आरोपी हेरोदास को उसके परिवार सहित पेची अवांग लीकाई से बाहर निकालने का भी निर्णय लिया गया।