राजस्थान सरकार में मंत्री रहे राजेंद्र गुढ़ा बर्खास्तगी के बाद खुलकर बोल रहे हैं। गुढ़ा सीएम अशोक गहलोत और कांग्रेस सरकार पर जमकर हमला कर रहे हैं। बिधानसभा में और और सदन के बाहर भी गुढ़ा सीएम गहलोत और उनके मंत्रियों पर गंभीर आरोप लगा रहे हैं।
एक मीडिया संस्थान को दिए इंटरव्यू में गुढ़ा ने कहा कि राजस्थान देश में दुष्कर्म के मामलों में नबर वन पर आ गया है। उन्होंने दावा करते हुए कहा कि मंत्रिपरिषद के साथियों का नारको टेस्ट करा लिए जाएगा तो जेल में बंद दुष्कर्म के कैदी भी उनके सामने छोटे पढ़ जाएंगे। दुष्कर्म में शतक बना चुके लोग मंत्री बने बैठे हैं। अजमेर -92 फिल्म के विलेन तो हमारे साथ हैं। सबसे बड़े दुष्कर्मी तो मंत्रिपरिषद के अंदर हैं। अगर, मेरी बात गलत साबित हो जाए तो मैं राजनीत ही छोड़ दूंगा।
विधानसभा से किए गए निलंबित
इससे पहले 24 जुलाई सोमवार को राजेंद्र गुढ़ा को सदन से निलंबित कर दिया था। वे सोमवार को बिधानसभा में लाल डायरी लेकर पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी के सामने डायरी लहराते हुए कहा कि मुझे बोलने दिया जाए।
इस पर विधानसभा अध्यक्ष जोशी ने कहा कि ‘कम टू माय चेंबर’ यहां सदन में नहीं बोलने दिया जाएगा, आप मुझे डिक्टेट नहीं कर सकते। आप चेंबर में आइए। लेकिन, गुढ़ा इसके लिए तैयार तैयार नहीं हुए। इससे गुस्साए जोशी ने उन्हें सदन से बाहर निकलवा दिया और बिधानसभा की कार्यवाही दो अगस्त के लिए स्थगित कर दी।
पहले ही जता दिया था शांत नहीं बैठूंगा
इससे पहले 22 अगस्त को राजेंद्र गुढ़ा में सीएम अशोक गहलोत को चेतावनी दी थी। गुढ़ा ने खुद को पद से हटाए जाने को अराजकता बताया था। उन्होंने कहा- मुख्यमंत्री का इकबाल खत्म हो गया है। मैं सोमवार को विधानसभा जाऊंगा और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से वन टू वन जवाब मांगूंगा। इससे साफ हो गया था कि गुढ़ा बर्खास्ती के बाद शांत बैठने वाले नहीं हैं।
जानिए ये सब क्यों हो रहा?
दरअसल, महिला सुरक्षा के मुद्दे पर सैनिक कल्याण राज्य मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने अपनी ही कांग्रेस सरकार पर सवाल उठा दिए थे। उन्होंने कहा था कि हमें मणिपुर के बजाय अपने गिरेबान में झांकना चाहिए। हमें ये बात स्वीकार करनी चाहिए कि हम महिलाओं की सुरक्षा में असफल हो गए। प्रदेश में महिलाओं पर अत्याचार बढ़े हैं, इसलिए हमें मणिपुर के बजाय अपने गिरेबान में झांकना चाहिए।
बयान के कुछ घंटे बाद बर्खास्त
राजेंद्र गुढ़ा ने अपने गिरेबान में झांकने वाला बयान विधानसभा में दिया था। इसके बाद नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौर ने सरकार पर हमला बोलना शुरू कर दिया। भाजपा ने सरकार में मंत्री गुढ़ा के बयान को मुद्दा बनाया। इसी बीच सीएम अशोक गहलोत ने एक पत्र लिखकर राज्यपाल कलराज मिश्र से गुढ़ा को बर्खास्त करने की अनुशंसा कर दी। कुछ ही घंटों में राज्यपाल ने इसे मंजूरी दे दी। जिसे बाद से कांग्रेस सरकार और राजस्थान की सियासत में आया भूचाल थमने का नाम नहीं ले रहा है।