मणिपुर के मुद्दे पर सदन में खूब हंगामा चल रहा है। विपक्ष लगातार प्रधानमंत्री से मणिपुर पर संसद में बयान देने की मांग कर रहा है। इस बीच मीडिया रिपोर्ट्स के हवाले से खबर आ रही है कि 26 राजनीतिक पार्टियों वाले विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A के सांसद 29-30 जुलाई को हिंसा प्रभावित राज्य मणिपुर का दौरा कर सकते हैं। कांग्रेस नेता मणिकम टैगोर ने बताया कि 20 से अधिक सांसदों का एक प्रतिनिधिमंडल इस सप्ताह के अंत में मणिपुर का दौरा करेगा और राज्य की स्थिति का जायजा लेगा। टैगोर ने कहा कि विपक्षी सांसद काफी समय से हिंसा प्रभावित मणिपुर का दौरा करना चाहते थे लेकिन वहां के हालात को देखते हुए उन्हें अनुमति नहीं दी गई। राहुल गांधी ने बीते दिनों मणिपुर का दौरा किया था।
संजय राउत बोले- मणिपुर जल रहा है
वहीं मणिपुर के मुद्दे पर विपक्ष सरकार पर लगातार हमलावर है। शिवसेना (उद्धव) नेता संजय राउत ने प्रधानमंत्री को निशाने पर लेते हुए कहा कि ‘बीते आठ दिनों से विभिन्न राजनीतिक पार्टियां पीएम मोदी का ध्यान मणिपुर के मुद्दे की तरफ लाने की कोशिश कर रही हैं। प्रधानमंत्री को इस पर बोलना चाहिए।’ संजय राउत ने कहा कि ‘यह राज्य का नहीं बल्कि पूरे देश का मुद्दा है। मणिपुर जल रहा है और लोग मर रहे हैं। मणिपुर की आग अन्य राज्यों में भी फैल सकती है। हम प्रधानमंत्री मोदी से अपील करते हैं कि वह आगे आकर इस मुद्दे पर बोलें। हम उन्हें जवाब नहीं देंगे और सिर्फ उनकी बात सुनेंगे।’
‘संसद का अपमान कर रहे प्रधानमंत्री’
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि ‘सदन में कामकाज हो रहा है। हम मांग कर रहे हैं कि प्रधानमंत्री सदन में आएं और बयान जारी करें लेकिन वह राजनीतिक बयानबाजी कर रहे हैं और राजस्थान में प्रचार में जुटे हैं। इसका मतलब है कि उन्हें लोकतंत्र में विश्वास नहीं है। वह लोकतंत्र और संविधान को बचाना नहीं चाहते। वह संसद का अपमान कर रहे हैं।’
विदेश मंत्री ने I.N.D.I.A पर उठाए सवाल
बता दें कि विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A संसद के मानसून सत्र में एकजुट होकर मणिपुर के मुद्दे पर सरकार को घेरने की कोशिश कर रहा है। हालांकि सरकार द्वारा विपक्षी गठबंधन को जवाब भी दिया जा रहा है। गुरुवार को राज्यसभा में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी विपक्ष पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि ‘आप अपने आप को INDIA कहते हैं लेकिन आप इंडिया के राष्ट्रीय हितों के बारे में सुनना ही नहीं चाहते, तब आप किस तरह के इंडिया हैं? आप एक ऐसा इंडिया हैं, जो राष्ट्रीय हितों को बलिदान कर रहा है, यह इंडिया नहीं है।’
करीब तीन महीने से जारी हिंसा
मणिपुर में बीती तीन मई को जातीय हिंसा की शुरुआत हुई थी। मणिपुर के मैतई समुदाय द्वारा जनजातीय आरक्षण देने की मांग से हिंसा की शुरुआत हुई थी, जिसमें अभी तक 160 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और हजारों लोग विस्थापित हो चुके हैं। संसद का मानसून सत्र शुरू होने से एक दिन पहले ही मणिपुर का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसमें लोगों की भीड़ दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाती दिख रही थी। महिलाओं के साथ सामूहिक दुष्कर्म भी किया गया। इस घटना को लेकर पूरे देश में गुस्सा देखा गया। विपक्ष भी इसी मुद्दे पर सरकार को घेर रहा है।