विपक्ष को एकजुट करने की कोशिश में लगे बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) को पटना हाई कोर्ट (Patna High Court) से बड़ी राहत मिली है और कोर्ट ने जातीय गनगणना (Caste Census) पर रोक की मांग वाली अर्जी खारिज कर दी है. याचिकाकर्ताओं के वकील दीनू कुमार ने बताया कि पटना हाई कोर्ट ने जाति आधारित गणना के बिहार सरकार के फैसले के खिलाफ दायर सभी याचिकाएं खारिज कर दी हैं. इससे पहले पटना हाई कोर्ट ने 4 मई को जाति आधारित गणना के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए इस पर अस्थायी रोक लगाई थी.
सुप्रीम कोर्ट का रुख करेंगे याचिकाकर्ता
मामले में पटना हाई कोर्ट (Patna High Court) के चीफ जस्टिस के विनोद चंद्रन की अध्यक्षता वाली पीठ का फैसला आने के बाद अदालत के बाहर पत्रकारों से मुखातिब याचिकाकर्ताओं के वकील दीनू कुमार ने कहा कि वह आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट (Suprme Court) का रुख करेंगे. दीनू कुमार ने बताया, ‘पीठ ने खुली अदालत में कहा कि वह सभी याचिकाओं को खारिज कर रही है.’ उन्होंने कहा, ‘हमें अभी इस आदेश की प्रति प्राप्त नहीं हुई है. फैसला देखने के बाद ही हम कुछ और कह सकेंगे. बेशक, फैसले का तात्पर्य यह है कि राज्य सरकार सर्वेक्षण कर सकती है. हालांकि, हम इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख करेंगे.
जातीय गनगणना के विरोध में है केंद्र सरकार
बता दें कि नीतीश सरकार (Nitish Govt) ने जातीय जनगणना का प्रस्ताव बिहार विधानसभा और विधान परिषद में 18 फरवरी 2019 और फिर 27 फरवरी 2020 को पास कराया था. हालांकि, केंद्र सरकार जातीय गनगणना के विरोध में है और सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में हलफनामा दायर कर पहले ही साफ कर चुकी है कि जाति आधारित जनगणना नहीं कराई जाएगी.
इसके बाद इस साल जनवरी में बिहार में जातीय जनगणना (Caste Census) के पहले चरण की शुरुआत की गई थी. जबकि, दूसरा चरण अप्रैल में शुरू हुआ. दूसरा चरण शुरू होने के बाद पटना हाई कोर्ट (Patna High Court) ने जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए जाति आधारित गणना पर अस्थायी रूप से रोक लगा दी थी.