वाराणसी के ज्ञानवापी ASI सर्वे को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है. कोर्ट ने कहा है कि सर्वे को जारी रहने दिया जाए, क्योंकि इस सर्वे से कोई ऐसा नुकसान मुस्लिम पक्ष को नहीं होने जा रहा है जिसकी भरपाई न हो सके. कोर्ट ने आगे कहा कि हम इस रिपोर्ट को सीलबंद कवर में रखने का निर्देश दे देंगे. वहीं मुस्लिम पक्ष के वकील ने कहा कि सर्वे की कवायद के जरिए ‘प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट’ का उल्लंघन होगा.चीफ जस्टिस ने HC के आदेश को सही ठहराया है. ASI ने कहा है कि इमारत को बिना नुकसान पहुंचाए इस सर्वे का अंजाम दिया जाएगा.
सॉलिसिटर जनरल ने दिया बयान
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुनवाई के दौरान कहा कि इस सर्वे में GPR टेक्नॉलाजी का इस्तेमाल किया जाएगा. इस तरह इमारत को कोई नुकसान नहीं होगा. मुस्लिम पक्ष की ओर से पेश वकील का कहना है कि ये 500 साल पुराने अतीत को कुरदेना होगा. ये पुराने जख्मों को कुरदेना होगा. इसीलिए प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट में दी गई व्यवस्था की भावना का सम्मान किया जाना चाहिए. इसके साथ ही मुस्लिम पक्ष ने कई पुराने आदेशों का हवाला दिया.