कांग्रेस नेता राहुल गांधी को सुप्रीम कोर्ट ने मोदी सरनेम मामले में बड़ी राहत देते हुए दोषसिद्धि पर फौरी तौर पर रोक लगा दी और केस खत्म होने तक उन्हें राहत दे दी है. इसी बीच कांग्रेस पार्टी में ख़ुशी की लहर और नेताओं की प्रतिक्रियाओं का दौर शुरू हो गया है. सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर रिएक्शन देते हुए कांग्रेस ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया है कि यह नफरत के खिलाफ मोहब्बत की जीत है. सत्यमेव जयते – जय हिंद. इसके अलावा अधीर रंजन चौधरी, रॉबर्ट वाड्रा, जयराम रमेश समेत कई बड़े नेताओं ने इसे सत्य की जीत बताया है.
कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने बताया कि यह खुशी का दिन है. मैं लोकसभा स्पीकर को चिट्ठी लिखूंगा. सत्यमेव जयते! आज साबित हुआ है राहुल गांधी पर साजिश नाकामयाब हुई है. राहुल जी के लिए आज सुबह ही हमने प्रार्थना की थी. ये जीत सत्य की जीत है. अब राहुल गांधी रुकने वाले नहीं हैं.
वहीं कांग्रेस नेता और राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश से देश की न्यायिक प्रणाली में लोगों की आस्था और बढ़ गई है. कोर्ट के लिए सभी लोग बराबर हैं. उम्मीद है कि अब स्पीकर को जल्द से जल्द राहुल गांधी के सदस्यता को लेकर आदेश जारी करना चाहिए.
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राहुल गांधी पर मानहानि के मुकदमे में सजा पर रोक का सुप्रीम कोर्ट का फैसला स्वागतयोग्य है. यह सच्चाई और न्याय की जीत है.
छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि अंधकार चाहे भारी हो और समंदर पार हो, सदा उजाला विजित हुआ है, अगर सत्य आधार हो. राहुल गांधी जी की सजा पर रोक का सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का भारत स्वागत करता है. सत्यमेव जयते! यह INDIA की जीत है.
इस मामले पर इंडिया गठबंधन के नेताओं के भी बयान सामने आ रहे हैं. समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने ट्वीट किया, ‘माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने राहुल गांधी जी की सज़ा पर रोक लगाकर भारतीय लोकतंत्र और न्यायपालिका में लोगों की आस्था को बढ़ावा दिया है. भाजपा की नकारात्मक राजनीति का अहंकारी ध्वज आज उनके नैतिक अवसान के शोक में झुक जाना चाहिए.’
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के साथ ही राहुल गांधी के लिए संसद के दरवाजे कानूनन खुल गए हैं. अब राहुल की लोकसभा सदस्यता बहाल होने का रास्ता साफ हो गया है. कांग्रेस नेताओं को उम्मीद है कि राहुल गांधी जल्द ही संसद लौटेंगे. एक तथ्य यह भी है कि राहुल को संसद की सदस्यता के अयोग्य करार दिए जाने के बाद अगर वायनाड सीट पर उपचुनाव हो गए होते तब उनकी सदस्यता बहाल नहीं हो पाती. वायनाड में अभी तक उपचुनाव नहीं हुए हैं.
इधर सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी की दोषसिद्धि पर रोक लगाते हुए कहा कि हमने कुछ तथ्यों पर विचार किया. इस केस में जो अधिकतम सजा हो सकती है, वो राहुल को दी गई है. ट्रायल कोर्ट के जज ने अपने आदेश में साफ नहीं किया कि अधिकतम सजा ही मुकर्रर करने की जरूरत क्या है. जज को साफ करना चाहिए था कि अधिकतम सजा देने की वजह क्या है. सुप्रीम कोर्ट ने हालांकि यह जरूर कहा कि राहुल का बयान ठीक नहीं था. सार्वजनिक जीवन में होने के चलते राहुल से और ज्यादा जिम्मेदारी की अपेक्षा की जाती है.