कश्मीर (Kashmir) में आतंकी गतिविधियों पर लगाम लगने से दहशतगर्दों को पनाह देने वाला पाकिस्तान (Pakistan) बौखला उठा है. पाकिस्तान ने एक बार फिर कश्मीर को आतंक की भट्ठी में झोंकने की नई साजिश रची है. खास बात ये है कि इस साजिश में पाकिस्तान आतंक के उन मोहरों का इस्तेमाल कर रहा है जो कभी घाटी में दहशत का पर्याय हुआ करते थे. दरअसल, पाकिस्तान की सेना और वहां की खुफिया एजेंसी ISI ने इस साजिश का ब्लूप्रिंट तैयार किया है. इसका खुलासा हिजबुल के डिविजनल कमांडर के एनकाउंटर के बाद हुआ है.
आईएसआई की साजिश का खुलासा
आईएसआई की साजिश के तहत कश्मीर से भागकर PoK गए आतंकियों को दोबारा घाटी में दहशत फैलाने के लिए भेजा जा रहा है. ऐसा इसलिए क्योंकि कश्मीर के युवाओं को अब ISI और आतंकी सरगना बरगला नहीं पा रहे हैं. आतंक के नए रंगरूट तैयार नहीं हो रहे और दहशत की दुकान कश्मीर में बंद हो गई है.
मारा गया हिजबुल का कमांडर मुनीर
लिहाजा, ISI जम्मू-कश्मीर से सालों पहले PoK गए अपने पुराने वफादार आतंकियों का सहारा लेने की कोशिश कर रही है. जम्मू-कश्मीर से एक समय पर PoK चले गए आतंकियों को पाकिस्तान एक बार फिर से जम्मू-कश्मीर भेजकर आतंक फैलाने की साजिश रच रहा है. दरअसल, इसका खुलासा तब हुआ जब सेना ने सोमवार को PoK से घुसपैठ कर भारतीय सीमा में आ रहे हिजबुल मुजाहिद्दीन के डिविजनल कमांडर मुनीर हुसैन को मारा गिराया.
‘नया टेरर प्लान’ हुआ डिकोड
बता दें कि हिजबुल मुजाहिदिन का डिविजनल कमांडर, मुनीर हुसैन 1993 में PoK चला गया था. लेकिन, उसने दोबारा कश्मीर में घुसकर आतंक फैलाने की साजिश रची. हालांकि, उसे मार गिराया गया है. साथ ही भारतीय सेना ने पाकिस्तान के नए टेरर प्लान को डिकोड कर दिया. सेना को पता लग गया है कि आतंक की दुकान ठप होने के बाद पाकिस्तान अपने पुराने आतंकियों को कश्मीर भेजने की कोशिश कर रहा है.
ना सिर्फ मुनीर हुसैन बल्कि इसके अलावा हम बात करें तो रफीक नाइक और खुएब नामक दो आतंकियों का नाम भी जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमले कराने की साजिशों के पीछे सुरक्षाबलों ने पाया था. 15 अगस्त से पहले पाकिस्तान के इस टेरर प्लान का भंडाफोड़ करने के बाद भारतीय सेना ने काउंटर ऑपरेशन भी शुरू कर दिया है. घाटी में छिपे पुराने आतंकियों, उनके सलाहकारों और लॉजिस्टिक प्रोवाइड करने वाले लोगों की तलाश की जा रही है. साथ ही पहाड़ी और जंगली इलाकों में दबिश दी जा रही है.