मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनदर बीजेपी ने कमर कस लिया है. बुधवार को केंद्रीय चुनाव समिति की करीब चार घंटे तक बैठक चली जिसमें मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की विधानसभा की सीटों पर चर्चा हुई. चार घंटे के मंथन के बाद छत्तीसगढ़ की सीटों को चार श्रेणियों में बांटा गया है. इस बैठक में सीईसी के सभी 15 सदस्य मौजूद थे. यहां सबसे पहले छत्तीसगढ़ के बारे में बात करेंगे.
चार कैटेगरी में सीटों का बंटवारा
छत्तीसगढ़ में विधानसभा की कुल 90 सीटें हैं और इन्हें चार कैटेगरी ए, बी, सी और डी में रखा गया है. ए कैटेगरी में उन सीटों को शामिल किया गया है जहां पार्टी को हर दफा जीत हासिल हुई है. बी कैटेगरी में उन सीटों को रखा गया जहां पार्टी को हार और जीत दोनों मिली है. सी कैटेगरी में उन सीटों को शामिल किया गया है जहां पार्टी कमजोर है और अंतिम कैटेगरी यानी डी में वो सीटें हैं जिन पर बीजेपी को कभी जीत नहीं हासिल हुई. बताया जा रहा है कि बी और सी कैटेगरी की सीटों पर सीईसी में गंभीर मंथन किया गया. इन दोनों श्रेणी में 22 सीटें हैं. इसके अलावा डी कैटेगरी में पांच सीटें हैं.करीब 2 घंटे छत्तीसगढ़ की सीटों पर चर्चा की गई. खासतौर से कमजोर सीटों पर किस तरह से चुनावी प्रचार और अन्य तरीकों को जमीनों पर उतारा जाए चर्चा का खास केंद्र रहा. बताया जा रहा है कि जिन सीटों पर बीजेपी कमजोर है उन पर पार्टी नए उम्मीदवारों को मौका दे सकती है
सिर्फ एमपी में सत्ता में बीजेपी
छत्तीसगढ़ के साथ साथ मध्य प्रदेश पर भी चर्चा की गई. मध्य प्रदेश में सीएम शिवराज सिंह चौहान के चेहरे पर लड़ाई को आगे बढ़ाया जाएगा. इस वर्ष के अंत में राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, मिजोरम और तेलंगाना में चुनाव होने हैं और बीजेपी सिर्फ मध्य प्रदेश में सत्ता में है.