केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए संसद का विशेष सत्र बुलाया है. केंद्र के संसदीय मामलों के मंत्री प्रह्लाद जोशी ने बताया है कि संसद का विशेष सत्र 18 से 22 सितंबर तक चलेगा. इसमें 5 बैठकें होंगी. यह 17वीं लोकसभा का 13वां सत्र और राज्यसभा का 261 वां सत्र होगा. उन्होंने कहा है कि अमृत काल के बीच संसद के विशेष सत्र में सार्थक चर्चा और बहस की उम्मीद है. यह दिलचस्प है कि इस सत्र का ऐलान ऐसे समय में हुआ है जब विपक्षी गठबंधन की तीसरी बैठक मुंबई में होने जा रही है.
महत्वपूर्ण बिल पेश किए जाएंगे?
दरअसल, जानकारी के मुताबिक संसद के इस विशेष सत्र के दौरान लगातार बैठकें होंगी और लगातार पांच बैठकें होंगी. यह 17वीं लोकसभा का 13वां सत्र और राज्यसभा का 261वां सत्र होगा. इसे 18 से 22 सितंबर तक बुलाया जा रहा है. राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस सत्र में 10 से ज्यादा महत्वपूर्ण बिल पेश किए जाएंगे. बिल की वजह से स्पेशल सेशन बुलाया जा रहा है. तो वहीं अन्य भी कयास लगाए जा रहे हैं. विपक्ष का पहले ही आरोप है कि सरकार समय से पहले चुनाव करा सकती है. हालांकि सरकार की तरफ से इस तरह की कोई खबर सामने नहीं आई है.
दोनों तरफ से कयासों और आरोपों का दौर
इसी बीच दूसरी तरफ 31 अगस्त और 1 सितंबर को मुंबई में इंडिया गठबंधन की बैठक हो रही है. इससे पहले विपक्ष लगातार सरकार पर हमलावर रहा तो वहीं सरकार की तरफ से भी पलटवार किया गया और संसद में बहस ना करके का आरोप लगाया था. इसी बीच अब यह नया ऐलान हो गया है. मालूम हो कि संविधान के अनुच्छेद 85 में संसद का सत्र बुलाने का प्रावधान है. इसके तहत सरकार को संसद के सत्र बुलाने का अधिकार है.
मानसून सत्र में जोरदार उठापटक हुई
बता दें कि इससे पहले मानसून सत्र में जोरदार उठापटक देखने को मिली थी. मानसून सत्र काफी हंगामेदार रहा था, जिसके चलते संसद के दोनों सदनों में ज्यादा कामकाज नहीं हो पाया था, यह सत्र मणिपुर के मसले पर धुल गया था. इतना ही नहीं विपक्ष द्वारा मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव भी लाया गया था, जो कि संसद में ध्वनि मत से गिर गया था. इस दौरान पक्ष और विपक्ष दोनों ओर से एक-दूसरे पर जमकर वार भी किए गए थे.