सनातन धर्म को लेकर दिए आपत्तिजनक बयान के चलते तमिलनाडु के मंत्री उदयनिधि स्टालिन और डीएमके सांसद ए राजा के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है. याचिका में कहा गया है कि स्टालिन ने सनातन की तुलना डेंगू और मलेरिया जैसे बीमारी से कर इसको खत्म करने की बात कहीं. जबकि राजा ने सनातन धर्म की तुलना एड्स जैसी बीमारी से कर इसे सामाजिक कलंक बताया.
‘सनातन धर्म को मानने वाले लोग आहत हुए’
याचिका में कहा गया कि दोनों नेताओं के बयान सनातन धर्म को लेकर उनकी नफरत को दर्शाते हैं .जन प्रतिनिधियों से उम्मीद की जाती है कि वो सभी धर्म के लोगों का सम्मान करें. लेकिन इन दोनों नेताओं ने इस तरह के बयान देकर असंख्य सनातनियों की धार्मिक भावनाओं को आहत कर समाज में वैमनस्य फैलाया है. इसलिए इनके खिलाफ IPC की धारा 153 A, 153B, 295 A और 505 के तहत एफआईआर दर्ज की जाए.
‘तमिलनाडु-दिल्ली पुलिस पर अवमानना का मुकदमा चले’
याचिकाकर्ता का कहना है कि उसने इन दोनों के आपत्तिजनक बयानों की शिकायत चेन्नई और दिल्ली पुलिस से की. लेकिन दोनों ही राज्यों की पुलिस ने अभी तक एफआईआर दर्ज नहीं की. याचिका में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट पहले ही इस साल 28 अप्रैल को दिए अपने आदेश में सभी राज्यों को निर्देश दे चुका है कि हेट स्पीच के मामलों में वो स्वत: संज्ञान लेकर बिना आरोपियों का धर्म देखे कार्रवाई करें.
पुलिस इसके लिए औपचारिक शिकायत दर्ज होने का भी इंतजार न करें, लेकिन इस केस में शिकायत के बावजूद इन दोनों नेताओं के खिलाफ कोई कार्रवाई न करके दिल्ली और चेन्नई पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट की अवमानना की है. उन पर अवमानना की कार्रवाई शुरू की जाए.
कोर्ट से जल्द सुनवाई का आग्रह करेंगे
देश के विभिन्न हिस्सों में हुए नफरत भरे बयान को लेकर सुप्रीम कोर्ट में पहले से ही मामला लंबित है. वकील विनीत जिंदल ने अब स्टालिन और ए राजा के बयानों का हवाला देते हुए इस मामले में हस्तक्षेप याचिका दाखिल की है. उनका कहना है कि वो सोमवार को चीफ जस्टिस के सामने इस याचिका पर जल्द सुनवाई का आग्रह करेंगे.