जी20 समिट में शामिल होने के लिए भारत पहुंचे अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन और पीएम नरेंद्र मोदी के बीच शुक्रवार शाम को प्रधानमंत्री आवास में द्विपक्षीय बातचीत हुई. इस बातचीत में दोनों देशों के प्रमुखों की बॉन्डिंग देखते ही बन रही थी. अमेरिकी राष्ट्रपति ने जहां चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग और आदित्य एल-1 की लॉन्चिंग पर पीएम मोदी को बधाई दी. वहीं पीएम मोदी ने वैश्विक चुनौतियों से पार पाने के लिए दोनों देशों से एकजुट होकर पहल करने की बात कही. दोनों प्रमुखों की इस सफल बातचीत के बाद संयुक्त बयान जारी किया गया है.
जी20 सफल अध्यक्षता की सराहना
संयुक्त बयान में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (PM Modi Joe Biden Conversation) ने जी20 सफल अध्यक्षता करने के लिए भारत की सराहना की. साथ ही कहा कि कैसे एक मंच के रूप में जी20 महत्वपूर्ण परिणाम दे रहा है. बयान में कहा गया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच घनिष्ठ और स्थायी साझेदारी की पुष्टि की गई. इसके साथ ही दोनों नेताओं ने प्रधानमंत्री मोदी की जून 2023 की ऐतिहासिक वाशिंगटन यात्रा की अभूतपूर्व उपलब्धियों को लागू करने के लिए चल रही पर्याप्त प्रगति के लिए अपनी सराहना व्यक्त की.
‘अंतरिक्ष में बढ़ाएंगे सहयोग’
दोनों देशों की ओर से जारी संयुक्त बयान (PM Modi Joe Biden Conversation) में कहा गया कि भारत और अमेरिका क्रिटिकल और इमर्जिंग तकनीक के मोर्चे पर मध्यावधि समीक्षा करेंगे. इसके साथ ही 2024 में दोनों देशों के NSA की अगुवाई में इसकी वार्षिक समीक्षा करेंगे. दोनों नेताओं ने नासा और इसरो के बीच सहयोग बढ़ाने को लेकर भी चर्चा की.
‘आने वालों खतरों से मिलकर लड़ेंगे’
दोनों नेताओं (PM Modi Joe Biden Conversation) ने यह भी तय किया गया कि भारत और अमेरिका 2023 के अंत तक मानव स्पेस मिशन में सहयोग का खाका तय करेंगे. साथ ही दोनों देश 2024 तक अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन में भी अपनी परियोजनाओं का आगे बढ़ाएंगे. इतना ही नहीं धरती को खतरों से बचाने के लिए भी भारत और अमेरिका मिलकर काम करेंगे. इसमें क्षुद्र ग्रहों से धरती के बचाव के साथ-साथ सैटेलाइट की रक्षा प्रणाली शामिल है.
‘लॉजिस्टिक समझौते को बढ़ाएंगे आगे’
दोनों राष्ट्र प्रमुखों (PM Modi Joe Biden Conversation) ने बातचीत में अगस्त 2023 में अमेरिकी नौसेना और मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड की ओर से हस्ताक्षरित समझौते के साथ दूसरे मास्टर शिप मरम्मत समझौते के समापन की सराहना की. इसके साथ ही दोनों ने उसके आगे के रखरखाव और मरम्मत के लिए भारत को एक प्रमुख केंद्र के रूप में उभारने में आगे बढ़ाने की सिफारिश की भी. नेताओं ने भारत की विमान के रखरखाव, मरम्मत और ओवरहाल क्षमताओं और सुविधाओं में और अधिक निवेश करने के लिए अमेरिकी उद्योग की प्रतिबद्धताओं का भी स्वागत किया.