उत्तराखंड के मदरसों में अब संस्कृत पढ़ाई जाएगी. उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के चेयरमैन शादाब शम्स ने जी मीडिया से बातचीत करते हुए बताया है कि उत्तराखंड मदरसा बोर्ड के अंतर्गत आने वाले मदरसों में NCERT के सिलेबस को लागू किया जाएगा. इसके अंतर्गत संस्कृत भाषा पढ़ाई जाएगी. इसके लिए बकायदा टीचर्स भी नियुक्त किए जाएंगे. शादाब शम्स का कहना है कि बड़े पैमाने में लोगों का संस्कृत की ओर रुझान बढ़ रहा है.
मदरसों ने बहुत उत्साह दिखाया
दरअसल, जानकारी के मुताबिक मदरसा वेलफेयर सोसाइटी ने करीब छह साल पहले तत्कालीन सीएम को पत्र लिखकर अपील की थी कि मदरसों के सिलेबस में संस्कृत को जोड़ा जाए लेकिन इसे अव्यावहारिक बताते हुए मदरसों में संस्कृत पढ़ाने से इनकार कर दिया गया था. लेकिन अब इस दिशा में कदम उठा लिया गया है. उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के वैज्ञानिक और इस्मालिक शिक्षा को मिलाकर शिक्षा प्रणाली का आधुनिकीकरण करने के कार्यक्रम को लेकर राज्य के मदरसों ने बहुत उत्साह दिखाया है.
आधुनिकीकरण किए जाने की मांग
उत्तराखंड वक्फ बोर्ड चेयरमैन शादाब शम्स ने बताया कि कार्यक्रम के पहले चरण में देहरादून, हरिद्वार, ऊधम सिंह नगर और नैनीताल जिलों में चार मदरसों में किए गए शिक्षा के आधुनिकीकरण को देखते हुए करीब 40-50 मदरसों ने हमसे संपर्क कर उनके यहां भी आधुनिकीकरण किए जाने की मांग की है. इन मॉडर्न मदरसों में पढ़ने वाले बच्चों का ड्रेस कोड भी होगा, जो वक्फ बोर्ड तय करेगा.
स्मार्ट क्लास की व्यवस्था
शम्स ने यह भी बताया कि फिलहाल 117 मदरसों में भी संस्कृत शिक्षा दी जाएगी. पढ़ाई के साथ स्मार्ट क्लास की व्यवस्था की जा रही है. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड देवभूमि है, अगर यहां संस्कृत नहीं पढ़ाई जाएगी तो कहां पढ़ाई जाएगी. अब मुस्लिम समाज के लोग भी बदलाव चाहते हैं. मदरसों के अपग्रेडेशन से वे भी खुश हैं.