अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण कार्य आखिरी चरण में है. निर्माण स्थल पर खुदाई के दौरान प्राचीन मंदिर के कुछ अवशेष मिले हैं जिसमें कई मूर्तियां और स्तंभ हैं. इसके बारे में राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने दी. यह मंदिर कब का है किस राजवंश से संबंध था इसके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है हालांकि सोशल मीडिया पर एक यूजर ने लिखा कि अवशेष गुर्जर प्रतिहार राजवंश की तरफ इशारा कर रहे हैं, इन्हें सहेज कर रखने की जरूरत है.
अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण
राम मंदिर निर्माण के बारे में ट्रस्ट का कहना है कि तय समय सीमा में निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया जाएगा. मंदिर निर्माण में अत्यंत सावधानी बरती जा रही है. हमारी कोशिश है कि भव्य मंदिर के निर्माण को जल्द से जल्द पूरा हो सके.मंदिर में कुल 17,000 ग्रेनाइट पत्थरों का उपयोग किया जा रहा है, जिनमें से प्रत्येक का वजन 2 टन है. इसके अलावा आधार के निर्माण के लिए मिर्ज़ापुर से 4 लाख घन फीट गुलाबी पत्थरों का उपयोग किया गया था और शिखर को तराशने के लिए राजस्थान के बंसी पहाड़पुर से 1 लाख घन फीट नक्काशीदार संगमरमर का उपयोग किया जा रहा है. योध्या में राम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर, मंदिर वास्तुकला की नागर शैली के आधार पर बनाया जा रहा है. मंदिर वास्तुकला की नागर शैली उत्तरी भारत में पाई जाती है इसमें मंदिर का निर्माण आम तौर पर एक ऊंचे मंच पर किया जाता है जिसे जगती कहते हैं.
सोशल मीडिया पर रिएक्शन
कुछ यूजर ने लिखा कि ओवैसी साहब देख लीजिए एक बार, नजरिया बदलें तो एक ने लिखा कि जिन मूर्तियों को दिखा रहे हैं वो बौद्ध परंपरा की हैं, बुद्ध के मंदिरों में मूर्तियां ऐसी ही होती हैं. विवाद खड़ा हो जाएगा इन्हें मत दिखाओ. किसी ने लिखा कि पहले भी प्रमाणित था अब यह और प्रमाण मिले हैं, अयोध्या में राम मंदिर था और रहेगा. यह तो रामभूमि ही रहेगी.