केंद्र सरकार ने 18 सितंबर से संसद का विशेष सत्र बुलाने की घोषणा की है. विपक्ष इस सत्र का एजेंडा बताए बिना संसद की बैठक बुलाने का विरोध कर रहा था. सरकार ने बुधवार शाम इस विशेष सत्र में उठाए जाने वाले मुद्दों की घोषणा कर दी. सरकार की ओर से जारी बयान के मुताबिक यह विशेष सत्र देश की आजादी के 75 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में बुलाया गया है. इस विशेष सत्र में 4 विधायक चर्चा के लिए रखे गए हैं, जिन्हें संसद की मंजूरी मिलने के बाद राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के लिए भेजा जाएगा.
इन 4 विधेयकों को दी जाएगी मंजूरी!
सरकार की ओर से बुधवार शाम जारी की गई सूचना के मुताबिक इस 5 दिवसीय विशेष सत्र (Special Session Of Parliament) में मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति (Chief Election Commissioner) से संबंधित विधेयक को मंजूरी दी जाएगी. इसके अलावा अधिवक्ता (संशोधन) विधेयक 2023 और प्रेस व आवधिक पंजीकरण विधेयक 2023 पर भी लोकसभा में चर्चा होगी. इन दोनों विधेयकों को 3 अगस्त को राज्यसभा में पारित किया कर दिया गया था. इसके साथ ही डाकघर विधेयक 2023 को भी चर्चा के लिए लोकसभा में रखा जाएगा.
कांग्रेस ने एजेंडा न बताने पर किया था सवाल
बताते चलें कि विपक्षी गठबंधन (I.N.D.I.A) ने पिछले दिनों इस विशेष सत्र के लिए सहयोग का संकेत दिया था. हालांकि साथ में यह भी कहा था कि सरकार को इस स्पेशल सेशन का एजेंडा भी बताना चाहिए. कांग्रेस ने भी बुधवार को सत्र का एजेंडा (Special Session Of Parliament) न बताने पर सवाल उठाया था और कहा था कि
शायद ‘एक व्यक्ति’ को छोड़कर एजेंडे के बारे में किसी के पास जानकारी नहीं है.
17 सितंबर को होगी सर्वदलीय बैठक
सूत्रों के मुताबिक संसद के इस स्पेशल सेशन (Special Session Of Parliament) से पहले 17 सितंबर को सर्वदलीय बैठक बुलाई जाएगी. इसके लिए सभी नेताओं को ईमेल के जरिए आमंत्रण पत्र भेज दिए गए हैं. साथ ही उन्हें पत्र भी भेजे जा रहे हैं. यह सर्वदलीय बैठक 17 सितंबर की शाम को साढ़े 4 बजे होगी. उधर सत्र का एजेंडा जारी होने के बाद संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कांग्रेस पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि संसद और इसकी प्रक्रियाओं को बदनाम करने वाली गलत सूचनाओं से सबको बचना चाहिए.